होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), एसएस डोगरा। शहर में नक्शा पास करवाने के बाद नक्शे के विपरीत इमारतों का निर्माण करने वालों के लिए बुरी खबर है। नगर निगम द्वारा आफ-डे को शहर में चल रहे निर्माण कार्यों पर निगरानी के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है, जो शहर में घूमकर अवैध निर्माण पर शिकंजा कसेगी। इस संबंधी जानकारी देते हुए निगम कमिशनर ज्योति बाला ने बताया कि अब कोई भी शनिवार व रविवार को नियमों के विपरीत अवैध निर्माण नहीं कर सकता है तथा गठित टीम द्वारा निगरानी रखी जाएगी ताकि नियमों की अवहेलना को रोका जा सके।
गौरतलब है कि शहर में कई लोगों द्वारा नियमों को धत्ता बता एवं पास नक्शे के विपरीत इमारतों का निर्माण जोरों से करवाय़ा जा रहा है तथा उनके द्वारा शनिवार व रविवार, जिस दिन नगर निगम में छुट्टी रहती है को ही कार्य करवाया जाता है, ताकि रोकने वाला कोई न हो। सोमवार को अगर कोई अधिकारी चैकिंग पर आता भी है तो इमारत के मालिक किसी मंत्री या बड़े अधिकारी से सिफारिश लड़ाकर चैकिंग पर आए अधिकारी को बैरंग लौटने पर मजबूर कर देता है। एेसे कई मामले ध्यान में आ चुके हैं, जहां पर नक्शे के विपरीत इमारत का निर्माण करके नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिए गए हैं। जिसके चलते निगम की छवि काफी धूमिल हो रही है। क्योंकि, जो गरीब या कमजोर है उस पर सख्त कार्यवाही तथा जो पैसे व पहुंच वाले हैं उनके आगे निगम पंगु नज़र आने लगता है तथा उनके द्वारा किया गया अवैध निर्माण उन्हें नज़र नहीं आता या वह देखना मुनासिव नहीं समझते।
आलम यह है कि नीचले स्तर का कोई अधिकारी चाह कर भी अगर कार्यवाही करना भी चाहे तो उसके पैरों में सिफारिश की बेड़ियां डाल दी जाती हैं और अवैध को वैध करने के ढंग ढूंढने की ड्यूटी लगा दी जाती है, वो भले ही किसी बड़े अधिकारी के माध्यम से हो या फिर नेता जी के करीबियों के द्वारा दवाब डाला जाता हो। जिसके चलते शहर में अवैध तरीके से बनने वाली इमारतों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। एक ने गलत काम किया तो उसके देखा देखी दूसरे ने भी कर लिया, क्योंकि एक ने चोरी की तो दूसरे को भी चोरी का अधिकार मिलना यहां हक समझा जाता है तो एेसे में नगर निगम द्वारा जारी किए जाने वाले नोटिस फाइलों की शोभा बनकर रह जाते हैं।
अब देखना यह होगा कि शहर में पास नक्शे के विपरीत बन रही इमारतों पर निगम द्वारा किस रुख के तहत कार्यवाही की जाती है, क्या उन पर कार्यवाही करते हुए पीले पंजे का प्रयोग किया जाता है या फिर कोई रास्ता निकालकर उन्हें वैध करने का मार्ग खोजा जाता है।