होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। अंतर्राष्ट्रीय मां बोली दिवस के मौके पर सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल अज्जोवाल में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया | इस मौके पर लेक्चरर संदीप कुमार सूद ने कहा कि मां बोली बच्चों के व्यक्तित्व के पूर्ण विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है | संसार के जितने भी विकसित देश हैं उन्होंने अपनी मां बोली द्वारा अपनी मंजिल प्राप्त की है | उन्होंने पंजाबियों को पंजाबी भाषा पढ़ने लिखने व बोलने की अपील की| उन्होंने कहा कि दूसरी भाषाओं को पढ़ने के साथ-साथ हमें अपनी मां बोली का ज्ञान होना बहुत जरूरी है| आज बड़ी संख्या में युवा आबादी विदेश की तरफ जा रही है | इसलिए आने वाली पीढ़ियो के लिए पंजाबी भाषा को संरक्षित करना और उन्हें पढ़ने लिखने और बोलने के लिए प्रोत्साहित करना समय की मांग है |हमारे देश में बहुत सी भाषाएं हैं |लेकिन पंजाबी भाषा ध्वनिआत्मक कानों के अनुकूल उछाल भरी ओर मनोरंजनक है|
इसीलिए पंजाबी गाने उबर कर सामने आते हैं |बहुत से पंजाबी गाने ऐसे भी हैं जो दक्षिण भारतीयों की पहली पसंद है | इसी के चलते पंजाबी संगीत बहुत बड़ा हो गया है |उन्होंने कहा कि नेल्सन मंडेला की एक प्रसिद्ध कहावत है कि यदि आप किसी व्यक्ति से उस भाषा में बात करते हैं जिसे वह समझता है तो यह बात उसके दिमाग पर चढ़ जाती है |अगर आप उससे उसकी भाषा में बात करते हैं तो वह बात उसके दिल तक पहुंच जाती है |मातृभाषा केवल एक शब्द नहीं है बल्कि मजबूत भावनाएं हैं |जो आपको अपने आप से, अपने परिवार और अपने लोगों से जोड़ती है | इस मौके पर मैडम कुलविंदर कौर ने कहा कि समाज की उन्नति में पंजाबी के योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता| छोटा बच्चा पंजाबी में जिस सहजता के साथ बात कर सकता है दूसरी भाषा में शायद ना कर सकता हो |लेकिन दुख की बात है कि आज हम बच्चों को पंजाबी की बजाय अंग्रेजी सिखाने को प्राथमिकता देते हैं | अंग्रेजी सीखना बुरी बात नहीं है लेकिन पंजाबी को नजरअंदाज करना किसी भी तरीके से उचित नहीं ठहराया जा सकता | इस मौके पर सुकृति कश्यप तथा देवकी रानी भी उपस्थित रहे |