पंजाब सरकार प्राइवेट स्कूलों की लूट पर निंयत्रण करे: लक्ष्मीकांता चावला 

अमृतसर (द स्टैलर न्यूज़)। परीक्षा और परीक्षा परिणाम के बाद बच्चे नए वर्ष में नई क्लास में प्रवेश ले रहे हैं, पर जो तथाकथित पब्लिक स्कूलों के नाम पर प्राइवेट संस्थाएं चल रही हैं वहां विद्यार्थियों को बुरी तरह लूटा जा रहा है। ट्यूशन फीस हजारों में है। इसके साथ ही स्कूल द्वारा निश्चित की गई दुकान से ही किताबें, यूनिफार्म तथा अन्य सामान खरीदना पड़ता है। केवल रईस अमीरों के बच्चे भी इन स्कूलों में प्रवेश ले सकते हैं। सरकार ने जो नियम बनाया था कि सभी स्कूल बीस प्रतिशत प्रवेश उन बच्चों को देेंगे जो आर्थिक दृष्टि से कमजोर परिवारों के हैं। ऐसा कुज्ञ तो हो नहीं रहा, केवल सरकार को दिखाने के लिए कागजी कार्यवाही हो रही है। कम से कम पंजाब सरकार यह सुनिश्चित करे कि जो किताबें आदि सामान बच्चों को नई क्लास में नए वर्ष में चाहिए वे अपने सुविधा और इच्छानुसार जिस दुकान से चाहें खरीद लें।

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स्कूल द्वारा निश्चित दुकान से यह सामान खरीदा सीधा सीधा कमीशनखोरी का धंधा है और इसका सारा बोझ अभिभावकों की जेब पर पड़ता है। स्कूलों में ट्यूशन फीस पर भी कोई नियंत्रण हो और यह तय होना चाहिए कि एक निश्चित सीमा से ज्यादा फीस बच्चों से नहीं ली जाएगी अन्यथा स्कूलों के स्तर के अनुसार ही बच्चे भी गरीब और अमीर दो वर्गों में बंट रहे हैं और प्राइवेट स्कूलों को खुली छूट है कि जितना चाहे बच्चों के माता-पिता से ट्यूशन के नाम पर और कमीशन का धन लूट सकें। कहीं कहीं तो चप्पल और जुराबें लेने के लिए भी दुकानें स्कूल वालों ने ही तय की है। यह किसी भी दृष्टि से उचित नहीं।

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