पुलिस का कारनामा: पकड़ा अदिया, डालनी थी 2 पेटी, शोर मचा तो छोड़ दिया?

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होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पुलिस अधिकारी भले ही विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हों, मगर आज भी विभाग में बैठी काली भेड़ें जायज को नाजायज और नाजायज को जायज ठहराने का कोई मौका नहीं छोड़ते। जिसके चलते पुलिस की कार्यप्रणाली को आम जनता अकसर ही शंका की नजर से देखने को मजबूर होती है। ताजा मामले में फगवाड़ा रोड पर स्थित एक पुलिस थाने के कुछेक कर्मियों ने शराब कारोबारियों के साथ कथित मिलीभगत करते हुए एक युवक को नाजायज तौर पर अवैध शराब बेचने के आरोप में धरने का प्रयास किया। मगर, जब इस बात का शोर मचने लगा तो पुलिस वालों ने उस पर कार्रवाई करने से परहेज ही समझा और अपनी जान छुड़ाने के लिए युवक को छोड़ दिया। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार हालांकि पुलिस ने उसे तो छोड़ दिया पर अभी तक उसका मोटरसाइकिल वापस नहीं किया था।

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जानकारी अनुसार फगवाड़ा रोड़ स्थित एक गांव से पुलिस ने एक युवक को जोकि किसी दोस्त का मोटरसाइकिल लेकर कहीं जा रहा था तलाशी के लिए रोका। उस दौरान उससे शराब का अदिया मिला। युवक के बार-बार कहे जाने पर भी पुलिस वाले ने उसकी एक न सुनी और उसे थाने ले गए। इसके बाद उस पर 2 पेटी शराब की डालकर पर्चा दर्ज किए जाने की प्रक्रिया को अमल में लाया जाने लगा।

सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार रंजिश के चलते युवक को फंसाए जाने के चलते यह सारा ड्रामा रचा जाना था।

इससे पहले कि पुलिस कर्मी कथित मिलीभगत करके पर्चा दर्ज करने में कामयाब हो पाते कि इतने में एक कर्मी को भाजयुमो नेता ने फोन किया और उसे नाजायज करने से मना किया। पुलिस कर्मी और नेता के बीच जो बातचीत हुई उसकी रिकार्डिंग से मामला समझने में देर न लगी कि किसी प्रकार एक अधिकारी की शह पर कथित मिलीभगत करके युवक को फंसाये जाने के षड्यंत्र रचे जा रहे थे। हालांकि पुलिस कर्मी ने अपने मुंह से सारा वृतांत नहीं कहा, मगर जो बातें भाजयुमो नेता जी ने उससे पूछी उसने हां में जवाब देते हुए व सीनियर की रजामंदी से सब हो रहा है व 2 पेटियां ठेकेदार देकर गए थे व साहब के कहने पर सब हो रहा है, की कहानी सुना डाली। वे हां, जी, उनसे बात कर लो कहकर बात खत्म करते रहे। भाजयुमो नेता द्वारा नाजायज न करने की चेतावनी दिए जाने के बाद मामला बिगड़ता देख पुलिस ने कुछ देर बाद युवक को छोड़ दिया, मगर उसका मोटरसाइकिल वापस नहीं किया था।

मामला प्रकाश में आने के बाद इलाके में इसकी खूब चर्चा हो रही है कि पुलिस जब धक्का करने पर आतुर हो जाए तो वह किसी भी स्तर पर जा सकती है। कयास लगाए जा रहे हैं कि हो सकता है कि उक्त युवक अवैध तौर पर शराब का कारोबार करता हो, मगर जब पुलिस ने उसके खिलाफ कार्रवाई करनी ही थी तो फिर उसे माल के साथ क्यों नहीं पकड़ा गया। अब सवाल यह है कि आखिर किन लोगों के साथ मिलीभगत करके और किस अधिकारी की नॉलेज में सारी बात होने पर यह सारे घटनाक्रम को अंजाम दिया जा रहा था?

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