ग्रामीण स्तर पर वर्षों से कोआप्रेटिव सोसायटी दिन-रात उपलब्ध करवा रहीं हैं सेवा व सुविधा: धूमल

हमीरपुर(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: रजनीश शर्मा। ग्रामीण स्तर पर सहकारी सभाएं वर्षों से दिन रात सेवा और सुविधाएं उपलब्ध करवा रही हैं। 14 से 20 नवंबर तक मनाये जा रहे सहकार सप्ताह के अंतिम दिन बिझड़ में आयोजित सहकारी सभाओं के जिला स्तरीय कार्यक्रम में उपस्थित जनसभा को सम्बोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने यह शब्द कहे। प्रो. धूमल ने सहकार के विषय को समझाते हुए कहा कि सहकार का अर्थ है सहयोग से मिलजुल कर आगे बढऩा आज लगभग सभी बड़े बैंकों के विज्ञापन देखने को मिलते हैं कि वह अपने ग्राहकों को 24 घंटे बैंकिंग की सुविधा देते हैं। बैंकों ने यह 24 घंटे की सुविधा अब शुरू की है लेकिन सहकारी समितियां पिछले कई वर्षों से अपने सदस्यों को दिन रात सेवाएँ और सुविधाएँ दे रहीं हैं। इस सेवा को सहाकरी सभाओं के सैकटरी निष्काम भाव से बखुबी निभा रहे हैं।

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प्रो. धूमल ने बताया कि देश की पहली सहकारी समिति हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के पंजावर गाँव में मियां हीरा सिंह ने बनाई थी। उसके बाद समय समय पर सहकार व्यवस्था में सुधार हुआ है। आज ग्यारह सौ करोड़ से भी ज्यादा रुया सोसायटियों में जमा हैं। आज लोगों के बचत के पैसे और सोसायटियों के सैक्टीरियों कर्मचारियों की मेहनत का परिणाम है कि कोआप्रेटिव सोसायटियां लगभग 14 अरब 78 करोड़ रुपए के वर्किंग कैपिटल के साथ कार्य कर रहीं हैं। आज जब कई बड़े बैंक घाटे में जा रहे हैं, छोटे से गाँव स्तर पर काम करने वाली 90 प्रतिशत सोसायटियां प्रॉफिट में चल रही हैं इस के लिए सहकार से जुड़े लोग बधाई के पात्र हैं। प्रो.धूमल ने कहा कि जिस तरह एक मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है। एक दो घटनाएं हुई, कुछ बईमानी के मामले सामने आए। इस कारण अन्य सोसायटियों पर भी छीटाकशी शुरू हुई। उस विशवास को फिर से कायम करना भी एक बहुत बड़ा दायित्व है।

-पूर्व मुख्यमंत्री ने सहकार सप्ताह के अंतिम दिन बिझड़ में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में किया आह्वान सहकार को करें और सुदृढ़

प्रो.धूमल ने कहा कि आज सहाकरी सभाओं में पचास रूपए की शुरूआती तनख्वाह से नौकरी पर लगने वाला व्यक्ति पचहतर हज़ार रुपए की तनख्वाह लेने के बाद रिटायर हो रहा है। हमने भाजपा सरकार में व्यवस्था की थी कि जो सोसायटी लाभ में चल रही है वह अपने कर्मचारियों की तनख्वाह बढ़ा सकती है। हमने व्यवस्था की थी कि सोसायटी द्वारा की गयी एफडी पर समान्य बैंक द्वारा की गयी एफडी से अधिक ब्याज मिले। सोसायटियों को राशन आदि बेचने पर कमीशन मिले ऐसी व्यवस्था हमने भाजपा की पूर्व सरकार में बनाई थी। प्रो.धूमल ने अंत में निवेदन किया कि जिस समर्पण और सेवा की भावना को ध्यान में रख कर सहकारी आन्दोलन को शुरू किया गया था, सहकार से जुड़े सब लोग उसी भावना को ध्यान में रखें। सहकार आन्दोलन को बढ़ाने का बहुत स्कोप है, कर्मचारियों की तनख्वाहें भी बढ़ेंगी, सोसायटी को भी लाभ पहुंचेगा।

सहकार के सदस्य सिद्धांतो का पालन कर लाभ लें। प्रदेश में हमीरपुर ऊना बिलासपुर और देहरा में जोरदार काम सहकारी सभाएं कर रहीं हैं। प्रदेश में अन्य स्थानों पर भी सहकार सुदृढ़ हो। सहकार सुदृढ़ होगा तो किसान सुदृढ़ होगा, आर्थिकी सुदृढ़ होगी और गाँव सुदृढ़ होंगे। इस अवसर पर पूर्व विधायक बलदेव शर्मा, यशवीर पटियाल, देशराज ठाकुर, प्यारे लाल शर्मा, देशराज शर्मा, अजय शर्मा, राकेश ठाकुर, कुलदीप ठाकुर, विशाल पठानिया, आदर्श कान्त, सरला शर्मा, अंजू कुमारी, सुनीता सोनी, राजेश और संजीव शर्मा आदि सहित 232 सहकारी सभाओं से जुड़े लोग व अन्य कर्मचारी, सदस्य व अन्य लोग उपस्थित रहे।

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