होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। किसान कृषि को और लाभप्रद धंधा बनाने के लिए किसान उत्पादक कमेटियों के रु प में इक्ट्ठे होकर कृषि कर सकते हैं। यह संगठन छोटे किसानों को आर्थिक पक्ष से मजबूत करने में सहायक साबित होंगे। यह विचार जिलाधीश ईशा कालिया ने आज जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स में किसान उत्पादक संगठनों(एफ.पी.ओ) अभियान संबंधी प्रगति समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए रखे। उन्होंने कहा कि जिले में 25 एफ.पी.ओ बनाए जाऐंगे जिसके लिए 350 गांवों में किसानों को जागरु क करने के लिए कैंप लगाए जा रहे हैं।
जिलाधीश ने कहा कि नाबार्ड के सहयोग से इस अभियान के अंतर्गत जहां किसानों को संगठन बनाकर कृषि करने के लिए जागरु क किया जा रहा है वहीं किसान संगठन बनाने के लिए नाबार्ड की ओर से आर्थिक तौर पर भी मदद भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि एकजुटता के साथ ही किसानों की भलाई के लिए कदम उठाए जा सकते हैं, इसके लिए अधिक से अधिक किसानों को किसान उत्पादक संगठन बनाने के लिए जागरु क किया जाए, ताकि वे इक्ट्ठे होकर अपनी आय में और वृद्धि कर सकें। उन्होंने कहा कि इन संगठनों को गठित करने का मुख्य उद्देश्य किसानों के कृषि पर हो रहे खर्चे कम करके उनकी आय में वृद्धि करना है, ताकि किसान आर्थिक पक्ष से मजबूत हो सकें। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से अलग-अलग सुविधाएं दी जा रही हैं, जिसका किसानों को लाभ लेना चाहिए।
किसानों को जागरु क करने हेतु जिले में लगाए जा रहे हैं 350 जागरु कता कैंप
जिलाधीश ने कहा कि समूह में कृषि विविधीकरण करना समय की मुख्य जरु रत है और किसान उत्पादक संगठन छोटे किसानों के लिए काफी लाभप्रद है। उन्होंने किसानों को अपील करते हुए कहा कि वे समूह बनाकर कृषि करने को प्राथमिकता दें, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति और मजबूत हो सके। उन्होंने कहा कि नाबार्ड की ओर से किसान ग्रुपों को अलग-अलग सुविधाएं दी जा रही हैं और प्रगतिशील किसान, किसान उत्पादक संगठन गठित करके इन सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि नाबार्ड ने किसानों को जागरु क करने और देश में किसान उत्पादक संगठनों (एफ.पी.ओ) को बढ़ावा देने का बीढ़ा उठाया है। इस अवस पर डी.डी.एम. नाबार्ड इंद्रजीत कौर, डिप्टी डायरेक्टर बागवानी डा. नरेश कुमार के अलावा अन्य अधिकारी व विलेज लैवल वालंटियर भी उपस्थित थे।