अभी भी आतंकी विचारधारा के गुलाम हैं चंदूमाजरा: मनीष तिवारी

रोपड़ (द स्टैलर न्यूज़)। श्री आनंदपुर साहिब लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार मनीष तिवारी ने अकाली-भाजपा प्रत्याशी प्रेम सिंह चंदूमाजरा पर फिरकाप्रस्ती की सियासत करने और सांप्रदायिकता के आधार पर लोगों को बांटने की कोशिश करने को लेकर हमला बोला है। तिवारी ने पंजाब में रहे काले दौर के दौरान चंदूमाजरा की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि चंदूमाजरा, साध्वी प्रज्ञा के वैचारिक भाई हैं, जिन दोनों का समान भूतकाल रहा है और यह हैरानीजनक नहीं है कि दोनों उम्मीदवार उसी अकाली-भाजपा गठजोड़ से संबंधित हैं।

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तिवारी ने चंदूमाजरा के बीते समय में आतंकियों के साथ रहे संबंधों का जिक्र करते हुए, जब वह उनके साथ जेल में भी रहे थे, कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि चंदूमाजरा 1980 के वक्त की सोच से बाहर निकल सके है, जब वह आतंकवाद से संबंधित थे और उसके लिए जेल गए थे, और यही कारण है कि वह लोगों को सांप्रदायिक आधार पर लगातार बांटने की कोशिश कर रहे हैं। यहां रोपड़ विधानसभा क्षेत्र में गांव अभियाना में एक जनसभा को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में तिवारी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि चंदूमाजरा कहते हैं कि श्री आनंदपुर साहिब एक पंथक हल्का है और तिवारी जैसा एक हिंदू उम्मीदवार इस हल्के पर दावा नहीं जता सकता।

उन्होंने दोहराया कि पंजाब में कोई भी पंथक या गैर पन्थक हल्का नहीं है, पंजाब में सिर्फ पंजाबी और पंजाबियत का हल्का है। लेकिन काले दिनों के दौरान अल्पसंख्यक समाज के लोगों को निशाना बनाने वाले आतंकवाद में शामिल रहे चंदूमाजरा जैसे कुछ लोग इस बात को नहीं समझ सकते। श्री आनंदपुर साहिब को पंथक हल्का बताकर चंदूमाजरा सांप्रदायिक आधार पर लोगों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह उन्हें बता देना चाहते हैं कि पंजाब के लोगों को ना आतंकवाद के काले दिनों के दौरान बांटा जा सका है, जब चंदूमाजरा जैसे लोगों ने अपनी पूरी कोशिश की और ना वे अब उन्हें बांट सकेंगे और न कभी।

तिवारी ने कहा कि चंदूमाजरा ने अपने असली रंगो और असली चरित्र का खुलासा कर दिया है कि वह अभी भी उसी सोच के गुलाम है, जिसका उन्होंने 1980 में आतंकवाद के दिनों में लोगों को धार्मिक आधार पर बांटने की कोशिश करके प्रदर्शन किया था। श्री आनंदपुर साहिब को पंथक हलका बताकर यह कहने वाले कि तिवारी जैसे हिन्दू को लोग स्वीकार नहीं करेंगे, को लेकर चंदूमाजरा पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें कोई हैरानी नहीं है, क्योंकि अकाली और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। जिस तरह भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा को भोपाल में खड़ा किया, अकलियों ने चंदूमाजरा को श्री आनंदपुर साहिब से चुनाव में उतारा है।

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