तलवाड़ा (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: प्रवीण सोहल। पंजाब में सबसे उंचाई पर स्थित गांव सहोड़ा में गगन जी का टिल्ला का प्रसिद्ध एवं एतिहासिक शिव मंदिर है। लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र यह मंदिर दसूहा से 15 किलोमीटर, पठानकोट से 65 किलोमीटर, तलवाड़ा से 20 किलोमीटर, मुकेरीयां से 15 किलोमीटर और काठगढ़ मन्दिर से 40 किलोमीटर की दूरी पर पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। गगन चुम्बी इस मंदिर तक पहुंचने के लिए 766 भव्य सीढिय़ों को चढऩा पड़ता है। यात्रा मार्ग में हर तरफ पेड़ पौधे तथा विभिन्न वनस्पतियां इसकी शोभा बढ़ाती हैं और पर्यावरण को शुद्ध बनाती हैं।
आधी सीढिय़ां चढ़ते-चढ़ते दाईं तरफ 40 फीट ऊँची सुंदर शिवजी की विशाल तथा दिव्य मूर्ती है, जिसका निर्माण दसूहा के प्रसिद्ध समाजसेवी दानवीर एवं उद्योगपति मुकेश रंजन ने करवाया है। सीढिय़ां समाप्त होते ही आलौकिक एवं मनमोहक नजारा सामने होता हैष एक ओर शिवालिक की हरी भरी वादियां तो उत्तर दिशा में धौलाधार की बर्फ से ढकी हुई पहाडिय़ां और दक्षिण में लहलहाता पंजाब का हरा भरा क्षेत्र। आश्रम में पहुंच कर भक्तों को कैलाश पर्वत के दर्शनों सा अनुभव होता है। शिवरात्रि को यहां लगने वाले मेला में 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालु भोले के द्वारे उनका आशीर्वाद लेने आते हैं।
इसके इलावा सावन महीने यहां हर रोज हजारों लोग अपनी श्रद्धा का इजहार करते हैं। सावन में यहां दसूहा, दातारपुर, हाजीपुर तथा मुकेरियां अन्य शहरों से प्रात समय निशुल्क बसों द्वारा संख्या में सुबह 3 बजे से सैकड़ों की तादाद में शिवपूजन करते हैं। शिवरात्रि को 4 पहर की पूजा और दुसरे दिन विशाल भंडारा यहां का मुख्य पर्व है। हरसमय यहां बम-बम भोले और कैलाशपति के जयकारे माहोल को पावन और शिवमय बनाते हैं। परमभक्त मुकेश रंजन ने बताया कि अज्ञातवास के समय विराट नगरी दसूहा में रहते हुए पांचों पांडवों ने यहां द्रोपदी सहित आकर इस शिवालय की स्थापना की थी और व यहां शिवार्चन करते थे।
इस बारे मुकेश रंजन महंत शिवगिरी तथा कमेटी प्रधान गुरदीप पठानिया और संजय रंजन ने बताया की यहां हररोज हजारों लोग शिव वंदन कर असीम सुख और मनोकामनाओं की पूर्ती प्राप्त करते हैं। मुकेश रंजन ने बताया यहां की व्यवस्था महंत शिवगिरी तथा प्रबंधक समिति करती है, उन्होंने बताया यहा सावन महीने में हर समय उत्सव का माहौल बना रहता है। इन दिनों 2 दिवसीय सावन महीने पर्व के मद्देनजर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मेले में विभिन्न प्रकार के कई लंगर लगाए जाएँगे, लंगर व्यवस्था, सफाई व्यवस्था, यातायात व्यवस्था तथा पार्किंग का प्रबंध कर लिया गया है।
प्रतिदिन हजारों शिव भक्त भोले की जयजयकार करते हुए भांग, धतूरे, फल, पुष्प, बेलपत्र और जल के द्वारा शिवभोले का बड़ी श्रद्धा से अभिषेक करके अपने जीवन को पावन कर रहे हैं।