होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: जतिंदर प्रिंस। श्रीमती सरस्वती देवी मेमोरियल एजुकेशनल एंड वैल्फेयर सोसायटी की तरफ से भारत सरकार की स्कीम नई-रौशनी (अल्पसंख्यक महिलाओं में नेतृत्व विकास प्रशिक्षण) अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालयों के तहत हैंडहोल्डिंग की बैठक पुरहीरां और पिपलांवाला होशियारपुर में की गई। सोसायटी चीफआर्गेनाइजर पूजा शर्मा ने बताया कि कई सालों पहले हमारी भारतीय संस्कृति में कई सारे बदलाव हुए। उन्हीं में एक सबसे बड़ा बदलाव था। भारतीय संस्कृति का छोटे-छोटे समाज के रूप में परिवर्तित होना।
सालो पहले हमारी भारतीय संस्कृति ने अलग-अलग सामाजिक परिपेक्ष में बदलना शुरू किया। सभी समाजों के साथ कई सारी दकियानूसी प्रथाएं और सोच भी उभर कर आई जैसे, दहेज़ प्रथा, घूंघट प्रथा, लडक़े की चाहे और इन्हीं प्रथाओं ने महिलाओं से अपने ही जीवन से जुड़े निर्णय लेने का अधिकार छीन लिया। आखिरकार इन सभी दकियानूसी सोच और प्रथाओं से ऊपर उठ कर महिलाओं ने अपने अधिकार के लिए संघर्ष करना शुरू किया और आज हम सभी महिलाओं के सम्मान और अधिकार के लिए लड़ रहें हैं। महिला सशक्तिकरण अभियान महिलाओं के संघर्ष को गति देने का ही एक रूप है जहां महिला और पुरुष दोनों समाज की इस सोच से लड़ते हुए उन्हें अपना उचित सम्मान और अधिकार दिलवाने का प्रयत्न कर रहें हैं। हमें समाज में ही नहीं, बल्कि परिवार के भीतर भी महिलाओं और पुरुषों के बीच भेदभाव को रोकना होगा।
महिलाओं को खुद से जुड़े फैसले लेने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। सही मायने में हम तभी नारी सशक्तिकरण को सार्थक कर सकते हैं। चाहे वो शोध से जुड़ी गतिविधियां हों या फिर शिक्षा क्षेत्र, महिलाएं काफी अच्छा काम कर रही हैं। कृषि के क्षेत्र में भी महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। महिला वो शक्ति है, सशक्त है, वो भारत की नारी है, न ज्यादा में, न कम में, वो सब में बराबर की अधिकारी है। चाहे खेल हो या अंतरिक्ष विज्ञान, हमारे देश की महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। वे कदम से कदम मिला कर आगे बढ़ रही हैं और अपनी उपलब्धियों से देश का नाम रौशन कर रही हैं। इस बैठक में अवतार कौर, सीतल कौर, मंजीत कौर, लखवीर कौर, सरभजीत कौर, रेणु, मीणा कुमारी आदि उपस्थित थे।