जंगलात की भूमि को भी निगल गए विशेष आशीर्वाद प्राप्त नेताजी और उनके साथी, जांच की उठने लगी मांग

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। “द स्टैलर न्यूज़” द्वारा लालाजी स्टैलर की राजनीतिक चुटकी के माध्यम से होशियारपुर के कंडी क्षेत्र ऊना रोड़ में पड़ते नारा-डाडा इलाके में पिछले लंबे समय से चल रहे माइनिंग के खेल को उजागर करते हुए एक भाजपा नेता पर पहले भाजपा-अकाली सरकार का आशीर्वाद रहा और अब कैसे कांग्रेसी आशीर्वाद से उनका धंधा फलफूल रहा है का खुलासा किया था। हालांकि हमारी पॉलिसी के अनुसार चुटकी में किसी के नाम का खुलासा नहीं किया जाता बल्कि एक सांकेतिक चर्चा लगाई जाती है ताकि गलत कार्य करने वाले अपनी हरकतों से बाज आएं और भविष्य में दूसरों को भी गलत कार्य न करने की हिदायत करें। मगर, इस केस में उल्टा हो रहा है। चोर की दाड़ी में तिनका वाली कहावत पूरी तरह से चरितार्थ करते हुए भाजपा नेता और उसके सिपासलार खुद ही इस बात की ढिंढोरा पिटने लगा हैं कि माइनिंग वे करते हैं और कांग्रेसियों का हाथ जब तक उनके सिर पर है उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

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परन्तु, दूसरी तरफ इस बात की चर्चा सबके सामने आने के बाद जहां इस सारे मामले की जांच की मांग उठने लगी है वहीं दफा वाली जमीन में सालों तक हो रही माइनिंग से जुड़े हर तार को बेनकाब किए जाने की चर्चाओं का बाजार पूरी तरह से गर्म हो चुका है। यहां तक कि विधानसभा हल्का होशियारपुर के युवा इंका अध्यक्ष नवप्रीत रैहल ने तो एक प्रैस विज्ञप्ति के माध्यम से जहां कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का दर्द बयां किया वहीं उन्होंने इस मामले की जांच की भी मांग उठाई है। पर्यावरण प्रेमियों के साथ-साथ राजनीतिक गलियारों में भाजपा नेता के साथ-साथ आशीर्वाद देने वाले कांग्रेसियों को भी घेरने की तैयारियां होने लगी हैं। इतना ही नहीं दफा की जमीन के अलावा जंगलात की भूमि का भी खुलेआम चीरहरण किया जाता रहा और विभाग कुंभकरणी नींद में रहा। इस खेल में शामिल पुलिस, माइनिंग विभाग और वन विभाग की भूमिका कितनी रही होगी इसका अंदाजा माइनिंग वाले स्थान को देखते ही हो जाता है कि बिना मिलीभगत इतना बड़ा खेल खेला ही नहीं जा सकता और इस खेल में शामिल लोग चंद सालों में ही सरकार को करोड़ों-अरबों रुपयों का चूना लगा गए और प्रकृति का भी दोहन करते रहे।

“द स्टैलर न्यूज़” द्वारा समाचार को चुटकी के माध्यम से उजागर करने के बाद से माइनिंग तो बंद है, पर नेता जी के कुछ करीबी और विपक्ष से जुड़े कई नेता पूरे खेल से पर्दा उतारने की तैयारी में हैं और संबंधित विभागों से जुड़े अधिकारियों की भी बारीकी से जांच करवाने के लिए मुख्यमंत्री के दरबार में जाने तको तैयार बैठे हैं। इनमें जहां कुछेक कांग्रेस नेता शामिल हैं वहीं भाजपा को छोड़ अन्य विपक्षी दलों के नेता भी अवैध माइनिंग से जुड़े तारों को तार-तार करने का मन बना चुके हैं।

मौके पर जाकर देखा जाए तो एक तरफ जहां नियमानुसार माइनिंग मात्र 4 फिट गहराई तक ही की जा सकती है और इसके लिए बाकायदा तौर पर सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है तथा दफा के तहत आने वाली जमीन की अनुमति मिलती ही नहीं। परन्तु, भाजपा नेता और उनके साथी असर-रसूख और पहुंच के चलते पिछले 5 साल से यह खेल खेलते हुए करोड़ों रुपये अंदर कर चुके हैं तथा इस खेल से संबंधित अधिकारियों की पौंबारहां ही रहीं।

जंगल में माइनिंग वाले स्थान से ऊना रोड पर मुख्य सडक़ तक टिप्पर और ट्रालियां लाने के लिए गांव के रास्ते का प्रयोग करना पड़ता और अगर यह लोग माइनिंग के लिए इस रास्ते का प्रयोग करते हुए सच शायद बहुत देर पहले सबके सामने आ जाता, क्योंकि ऊना रोड़ सिंगल रोड़ होने के कारण वहां पर तेजी से दौड़ते टिप्पर और ट्रालियां सभी को दिख जाती। परन्तु जंगल से होता हुआ लगभग 3 किलोमीटर का एक ऐसा रास्ता तैयार कर लिया गया, जोकि किसी डेरे के पास आकर निकलता है और गाडिय़ां चौहाल-होशियारपुर मार्ग से होती हुई अपने गणतव्य की तरफ बढ़ती थी। पता चला है कि गैरकानूनी ढंग से धरती का चीर हरण करवाने वाले विशेष आशीर्वाद प्राप्त उक्त भाजपा नेता जी और उनकी टीम ने 30 से 35 एकड़ भूमि जिसमें जंगली इलाका भी शामिल है से मिट्टी उठाकर बेच कर करोड़ों रुपये डकार लिए।

सूत्रों की मानें तो यह भाजपा नेता कई लोगों को लाखों करोड़ों की चपत लगा चुका है तथा इतने शातिराना तरीके से अपना साम्राज्य को चला रहा है कि इसे यहां तक पहुंचाने वाले एक बड़े नेता भी इनकी कार्यगुजारी से अंजान हैं, क्योंकि अगर उन्हें इस बात का पता चल जाता तो वे इतना अंधेर कभी नहीं पडऩे देते। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी अनुसार भाजपा नेता का लेन-देन का काम एक ऐसे स्थान पर होता था तो शहर में भाजपा का एकमात्र ऐसा सरकारी आवास माना जाता है, जहां पर अकसर बैठकें ही बुलाई जाती हैं और उनमें चंद पार्टी कार्यों के लिए और बाकी एक तरफ बंद कमरे में लेन-देन के लिए द्वार खोले जाते थे ताकि किसी को शक न पड़े कि नेता जी क्या खेल, खेल रहे हैं। इस बारे में भाजपा से जुड़े कई लोगों को जानकारी है पर नेता जी के खिलाफ मुंह खोलने की हिम्मत कौन करे।

अब जबकि धीरे-धीरे करके बातें बाहर आ रही हैं तो नेता जी बौखलाहट में पत्रकारों को ही भला-बुरा कहने और हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता जैसी बातें करके दूसरों को झूठा साबित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे। सच को सच होता है और बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि सच निराश हो सकता है पर पराजित नहीं। इसी प्रकार धरती के चीर हरण की यह कहानी जबतक सभी के सामने नहीं आ जाती, तब तक कम से कम हम तो चुप करके बैठने वालों में से नहीं हैं, बाकी जो होगा देखा जाएगा। ऐसा नहीं है कि नेता जी झूठ बोल रेह हैं वे सत्य कह रहे हैं कि उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, क्योंकि उन्होंने सारा खेल अपने नाम पर न खेलकर अन्य लोगों के नाम पर खेला। मशीनरी दूसरों के नाम पर, काम दूसरों के नाम पर और खुद के हाथ खाली होते हुए भी सारा माल समेटे हुए हैं। कड़ाई और सच्चाई से जांच होगी तो सच सामने आएगा कि मशीनरी के मालिकों में कुछेक ऐसे लोग भी शामिल हैं जो शायद जीवन में एक साइकिल भी न शरीद सकें और लाखों रुपये के ट्रैक्टर-ट्रालियों के मालिक बने बैठे हैं। इसी कड़ी में हम आपको आगे बताएंगे कि पिछले लगभग पांच साल में उक्त लोगों ने सरकार को कितना चूना लगाया और जंगल को कितना नुकसान पहुंचाया तथा इस मामले की अगर उच्च स्तरीय जांच की जाए तो कितने चेहरे बेनकाब होंगे। इसके लिए बने द स्टैलर न्यूज़ के साथ। धन्यवाद।

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