-वामपंथी हिंसा व हत्याओं के खिलाफ राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन-
होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। लोकतंत्र बचाओ मंच के नेतृत्व में सभी हिन्दुओं संगठनों ने आज मिनी सचिवालय के समक्ष धरना दिया गया। जिसमें उन्होंने कहा कि केरल वामपंथी हिंसा के लिए बदनाम है, लेकिन जब से वहां माक्र्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा) की सरकार आई है, तब से राष्ट्रीय विचार से जुड़े निर्देश लोगों और उनके परिवारों को सुनियोजित ढंग से निशाना बनाया जा रहा है। प्रदेश में माक्र्सवादी हिंसा को मुख्यमंत्री पी.विजयन का सरंक्षण प्राप्त है। अब तक की घटनाओं में स्पष्ट तौर पर माकपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं की संलिप्तता उजागर हुई है। राज्य में पूरी तरह जंगल राज स्थापित हो चुका है। यह विचार अमरदीप जौली ने केरल में वामपंथी हिंसा व हत्याओं के विरोध में आयोजित मार्च को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। जिला प्रचार प्रमुख अमरदीप जौली ने कहा कि वामपंथी विचार के मूल में तानाशाही और हिंसा है। कम्युनिस्ट पार्टियों ने रूस से लेकर चीन, पूर्वी यूरोपीय देशों, कोरिया और क्यूबा से लेकर भारत के लाल गलियारों में घोर असहिष्णुता का प्रकटीकरण किया है। वामपंथी विचार को थोपने के लिए अन्य विचार के लोगों की राजनीतिक हत्याएं करने में कम्युनिस्ट कुख्यात हैं। भारत में पश्चिमी बंगाल इस प्रवृत्ति का गवाह है और अब केरल में यह दिख रही है। कोझीकोड की घटना माकपा की बर्बरता का एक उदाहरण है। कोझीकोड के पलक्कड़ में 28 दिसंबर की रात माकपा गुंडों ने भाजपा नेता राधाकृष्ण के घर पर पैट्रोल बम से उस वक्त हमला किया, जब उनका समूचा परिवार गहरी नींद में था। सोते हुए लोगों को आग के हवाले करके बदमाश भाग गए। इस हमले में भाजपा की मंडल कार्यकारिणी के सदस्य 44 वर्षीय चादयांकलायिल राधाकृष्ण के भाई कन्नन और भाभी विमला की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि जनवरी 2017 में भाजपा कार्यकर्ता सुरेश अपने परिवार के साथ कार से जा रहे थे, उसी दौरान मल्लपुरम जिले में तिरुर के नजदीक माकपा गुडों ने उन्हें घेर लिया। हथियार के बल पर जबरन कार का दरवाजा खुलवाया और उनके गोद से दस माह के बेटे को छीन लिया और उसके पैर पकडक़र सडक़ पर फेंक दिया। इस जंगलराज में महिला और मासूम बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं। ऐसा माना जाता है कि अपने विरोधियों को ठिकाने लगाने का प्रशिक्षण देने के लिए वामपंथी खेमे में गर्व के साथ ‘कन्नूर मॉडल’ को प्रस्तुत किया जाता है। अब इस कन्नूर मॉडल को पूरे प्रदेश में लागू करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। अमरदीप डौली ने कहा कि हाल में, कन्नूर में 18 जनवरी को भाजपा के कार्यकर्ता मुल्लाप्रम एजुथान सतोष की हत्या की गई। संतोष की हत्या माकपा के गुंडों ने उस वक्त कर दी, जब वह रात में अपने घर में अकेले थे।
इस अवसर पर भगवंत किशोर गुप्ता ने कहा कि केरल के वर्तमान मुख्यमंत्री पिरनाई विजयन स्वयं भी संघ के कार्यकर्ता की हत्या के आरोपी हैं। विजयन और कोडियरी बालकृष्णन के नेतृत्व में पोलित ब्यूरों के सदस्यों ने संघ के स्वयंसेवक वडिक्कल रामकृष्णन की हत्या 28 अप्रैल 1969 को की थी। कन्नूर जिला केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन का गृह जिला है। पुलिस अधिक्षक रामकृष्णन की हत्या 1 मई 2016 से 16 सितंबर के बीच केवल कन्नूर जिले में राजनीतिक हिंसा की कुल 301 वारदातें घटित हुई। इस प्रकार देखा जा सकता है कि केरल में लाल आतंक किस हद तक विकराल रुप ले चुका है। समय की मांग है कि केरल में राष्ट्रपति शासन लागू कर वहां के लोकतंत्र की बहाली की जाए, पीडि़त परिवारों को उचित मुआवजा व हत्यारों को कानून अनुसार दंड दिया जाए। इस अवसर पर आर.एस.एस., विश्व हिन्दु परिषद, एस.जे.एम., स्वदेशी जागरण मंच, भारत विकास परिषद, राष्ट्रीय सिख संगत, धर्म जागरण विभाग, समाजिक समरसता, भाजपा, बजरंग दल, परिवार प्रवोधन, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के अलावा जिला संघ चालक अशोक चोपड़ा, जिला कार्यवाह मनोज गुप्ता, जिला प्रचारक कुलवीर जी, नगर सहकार्यवाह राजीव महाजन आदि मौजूद थे।
केरल में जंगलराज खत्म कर लोकतंत्र स्थापित किया जाए: आर.एस.एस.
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