एसिड प्रकरण: अधिकतर स्कूलों में राम भरोसे चल रही विज्ञान प्रयोगशालाएं, चपड़ासी से प्रोमोट हो लैब अटेंडेंट दे रहे सेवाएं

हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: रजनीश शर्मा। टौणी क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल में 10वीं की 3 छात्राओं पर एसिड हमले को लेकर सरकारी स्कूलों की विज्ञान प्रयोगशालाओं की पोल भी खुली है। सरकारी स्कूलों की ये विज्ञान प्रयोगशालाएँ राम भरोसे चल रही हैं जहाँ चपड़ासी से प्रोमोट होकर लैब अटेंडेंट बने लोग अपनी सेवाएँ दे रहे हैं।

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हाई स्कूलों में नहीं है लैब अटेंडेंट की पोस्ट

एक पड़ताल में पता चला है कि विज्ञान शिक्षा को लेकर सरकारी स्कूलों को जितना फंड आता है, उस हिसाब से विज्ञान प्रयोगशालाओं की सुरक्षा व्यवस्था में कई कमियाँ हैं।

राम भरोसे चली यह विज्ञान की पढ़ाई कई होनहार छात्राओं के लिए कभी भी खतरा बन सकती हैं। दिलचस्प बात यह है कि 10वीं के लिए साईंस प्रेक्टिकल ज़रूरी हैं, स्कूलों में लैब भी हैं लेकिन लैब अटेंडेंट की पोस्ट ही नहीं है। ऐसे में सारी जिम्मेदारी एक साईंस टीचर पर आ जाती है।

वहीं 12वीं स्कूलों में चपड़ासी से प्रोमोट होकर लैब अटेंडेंट बने लोग बिना प्रशिक्षण के ही लैब सम्भाले हुए हैं। इन लैब में कई ख़तरनाक एसिड केमिकल एवं ज़हरीले रासायनिक तत्व भरे पड़े हैं। छोटी सी चूक भी किसी बड़े हादसे को न्यौता दे सकती है। इस बारे में कोई निर्देशिका शिक्षा विभाग से जारी न होने से स्कूलों में जिम्मेदारी को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रहती है। नौसीखिए स्टूडेंट और प्रोमोटी लैब अटेंडेंट हमेशा लैब के अंदर ख़तरे में रहते हैं।

विज्ञान अध्यापक संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मनोज परिहार ने उटपुर स्कूल की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने माँग की है कि सुरक्षा की दृष्टि से सभी विज्ञान प्रयोगशालाओं में केवल प्रशिक्षित लैब अटेंडेंट ही लगाए जाने चाहिए। इससे हज़ारों बेरोजग़ार प्रशिक्षित लैब अटेंडेंट को रोजग़ार भी मिलेगा और बच्चों की सुरक्षा भी होगी।

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