बछवाड़ा/बेगूसराय(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: राकेश कुमार। प्रखंड क्षेत्र में कोरोना पॉजिटिव के लगभग आधे दर्जन मरीजों के पाये जाने के बाद से सम्पूर्ण लॉकडाउन का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। लॉकडाउन में फंसे कुछ बाहरी लोगों को मदद पहुंचाने में प्रशासन बिल्कुल ही विफल साबित हो रहा है। बताते चलें कि नारेपुर झमटिया घाट पर गंगा स्नान करने आई लगभग दर्जन महिलाएँ एवं अन्य पंडित, पुरोहित लॉकडाउन की चपेट में फंसे हैं।
कहीं भी आने-जाने की पूर्ण पाबंदी के बाद मंदिर के पुजारी द्वारा धर्मशाला में उक्त लोगों के रहने का प्रबंध किया गया है। मगर अब दिन-प्रतिदिन गुजरने के साथ-साथ उक्त श्रद्धालुओं पर “भूखे भजन न होय गोपाला, ले लो अपनी कंठी माला” वाली कहावत फिट बैठने लगी है। दाने-दाने को मोहताज पुरोहितों एवं श्रद्धालुओं के सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है।
मंदिर के पुजारी द्वारा उक्त समस्याओं से स्थानीय पूर्व उपमुखिया आलोक प्रभात को अवगत करवाया गया। तत्पश्चात उक्त नेता ने प्रशासनिक तौर पर भोजन उपलब्ध करवाने हेतु बीडीओ को कहा। मगर बीडीओ ने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि लॉकडाउन में पूर्ण व्यवस्था एसडीओ के जिम्मे है। मामले की सूचना मिलते ही प्रखंड प्रमुख मंजू कुमारी ने अपनी उदारता दिखाते हुए पुरोहितों के लिए निजी तौर पर भोजन उपलब्ध करवाया। शनिवार को प्रमुख प्रतिनिधि मुकेश कुमार, पूर्व उप मुखिया आलोक प्रभात एवं शक्ति कुमार ने गंगा घाट पहुंचकर उन्हें भोजन उपलब्ध करवाया।