होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: मुक्ता वालिया। कोरोना वायरस के चलते सभी गतिविधियों बंद कर दी गई थी। मंदिरों व गुरुद्वारों को बंद कर दिया गया। श्रद्धालुओं ने मानवता की रक्षा व सरकार के हिदायतों का पालन करते हुए मंदिरों में जाने के बजाए घरों में ही बैठकर नाम सिमरन व पूजा अर्चना की। अब पिछले दो सप्ताह से प्रशासन की तरफ से लोगों की जरूरतों वाली दुकानें खुलवा दी और उनको कुछ नियम बना कर उनका पालन करना जरूरी बना दिया लेकिन मंदिर व गुरुद्वारों को खोलने की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। उक्त बात शहर के प्रसिद्ध समाज सेवक व धार्मिक, समाजिक संस्थाओं के सदस्य अश्विनी छोटा ने कही।
जैसे हर इंसान को खाने के लिए भोजन की जरूरत होती है लेकिन इंसान की आत्मा की खुराक भगवान की पूजा अर्चना होती है। उन्होंने कहा कि जैसे विवाह शादियों व अन्य कार्यक्रम करने के लिए छुट दी जा सकती है तो मंदिरों व गुरुद्वारा में जाने के लिए भी छूट के लिए विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को मंदिर व गुरुद्वारा साहिब में जाने से मन को जहां शांति मिलती है वहीं विश्व शांति के लिए अरदास करने का मौका मिलता है। उन्होंने मांग की कि इसकी तरफ ध्यान देना चाहिए।