वायरल वीडियो में चिट्टे का सेवन करता पकड़ा गया ए.एस.आई., कैप्टन अमरिन्दर के आदेशों पर बर्खास्त


चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के हुक्मों पर पंजाब पुलिस के ए.एस.आई. /एल.आर. जोरावर सिंह को शनिवार को बर्खास्त कर दिया गया जिसकी चिट्टे का सेवन करते हुए एक वीडियो वायरल हुई थी। मुख्यमंत्री, जिनके पास गृह विभाग भी है, के निर्देशों पर एस.एस.पी. तरन तारन /ध्रुमन एच निम्बले ने उक्त ए.एस.आई. को बर्खास्त करने संबंधी नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री द्वारा ऐसा गुनाह करते हुए किसी भी वर्दीधारी मुलाजीम के खिलाफ सख्त कार्यवाही की चेतावनी भी दी गई है। मीडिया के एक हिस्से द्वारा शुक्रवार को सामने लाए गए वीडियो का सख्त नोटिस लेते हुए मुख्यमंत्री ने अपने ‘कैप्टन से सवाल’ फेसबुक लाइव सैशन के दौरान जांच के बाद ए.एस.आई. को बर्खास्त करने का ऐलान किया था।
एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार जांच में यह सबूत सामने आया कि उक्त ए.एस.आई. (नं.438/तरन तारन, पुलिस थाना सराय अमानत खान में तैनात) एक लाईटर और चाँदी के वर्क की मदद से नशीले पदार्थ का सेवन कर रहा था जैसा कि वीडियो में साफ दिखाई देता है।

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मुख्यमंत्री द्वारा ऐसा गुनाह करने वाले वर्दीधारी मुलाजिमों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की चेतावनी

मुख्यमंत्री ने यह महसूस किया कि ए.एस.आई. जोरावर सिंह को नौकरी पर कायम रखना राज्य, पुलिस फोर्स और आम लोगों के हितों के खिलाफ होगा। यह बर्खास्तगी इसलिए जरूरी थी ताकि यह सख्त संदेश दिया जा सके कि राज्य सरकार खासकर वर्दीधारी मुलाजिमों द्वारा ऐसा संगीन और दोषपूर्ण कृत्य कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगी।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि बर्खास्तगी का यह कड़ा कदम उठाया जाना इसलिए भी जरूरी था जिससे लोगों की नजरों में पुलिस और सरकार की छवि खराब न हो और कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार की नशों के खिलाफ जंग भी कामयाब हो सके क्योंकि राज्य सरकार ने सत्ता संभालते ही नशों को बिल्कुल भी बर्दाश्त न करने की नीति अपनाए जाने का ऐलान किया था।
मुख्यमंत्री ने नशों के मुद्दे पर अपनी सरकार के पक्ष को फिर से दृढ़ करते हुए कहा कि वह तब तक आराम से नहीं बैठेंगे जब तक कि राज्य में से इस बीमारी की जड़ऽको उखाडक़र फेंक नहीं दिया जाता। उन्होंने यह भी कहा कि एक पुलिस अधिकारी द्वारा नशाखोरी की ऐसी हरकत को मुाफ करना नशों के खिलाफ जंग को कमजोर कर सकता है। उन्होंने डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता को यह यकीनी बनाने के निर्देश दिए कि पुलिस मुलाजिमों द्वारा किये जाने वाले एसे गुनाह किसी भी कीमत पर बर्दाश्त न किए जाएं।

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