होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़): अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को केंद्र सरकार द्वारा दिया जाने वाला पोस्ट मैट्रिक वजीफा जो कि गरीब तथा पिछड़े वर्गों के नौजवानों को पढ़ लिखकर स्वाबलम्बित बनाने के लिए संजीवनी के तौर पर दिया जाता था, उसमें गत दिनों बड़े भ्रष्टाचार के सामने आने से हर कोई शर्मसार है, क्योंकि कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में चल रही सरकार के मंत्री जिन्हे अनुसूचित जाति तथा पिछड़े वर्गों की भलाई के जिम्मेदारी सौंपी गई है वह खुद ही इस भ्रष्टाचार में सम्मिलित पाए गए हैं।
भाजपा नेताओं ने कहा कि सीबीआई से जांच करवाकर पिछले 900 करोड का भी लिया जाए हिसाब
पंजाब सरकार का आलम यह है कि जैसे “बाड़ ही खेत को खा रही है । “कैप्टन अमरिंदर सिंह स्वयं एक्साइज मंत्रालय देख रहे हैं जिसके अंतर्गत सूबे को नकली शराब माफिया ने 5600 करोड़ रुपए का चूना लगा दिया। इसके पहले माइनिंग का विभाग चलाने वाले राणा गुरजीत सिंह स्वयं ही अवैध माइनिंग में सम्मिलित पाए गए तो उन्हें पद छोडऩा पड़ा। अब पिछड़ों की भलाई करने वाले मंत्री धर्मसोत पिछड़ों का माल हड़पने में सम्मिलित पाए गए।
भाजपा नेताओं ने कहा कि जब से कांग्रेस सरकार बनी है तभी से धर्मसोत केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि वहां से वजीफे का पैसा नहीं आ रहा जबकि स्थिति यह है कि केंद्र का भेजा गया पैसा पंजाब में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है तथा उसका हिसाब किताब नहीं रखा जाता। इससे पहले भी जो 900 करोड़ रूपया केंद्र सरकार द्वारा भेजा गया था उसमें भी बड़े घपले के प्रमाण निकल रहे हैं।
इसलिए कैप्टन अमरिंदर सिंह को तुरंत धर्मसोत को मंत्री पद से बर्खास्त करके इस महा घोटाले की जांच सीबीआई को देनी चाहिए ताकि सच्चाई लोगों के सामने आ सके। इस मौके पर जिला अध्यक्ष निपुण शर्मा, पूर्व मेयर शिव सूद, विजय पठानिया, महामंत्री विनोद परमार, मीनू सेठी,सुरेश भाटिया, राकेश सूद, सतीश बावा, अमरजीत लाडी, विपुल वालिया आदि भी उपस्थित थे।