किसानी कानूनों बारे भ्रामक ख़बर प्रकाशित करने वाले ‘सच कहूँ’ अख़बार को कानूनी नोटिस जारी

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब सरकार की तरफ से आज दैनिक सच कहूँ अख़बार के एडीटर-इन-चीफ़ प्रकाश सिंह सलवारा और तिलक राज शर्मा एडीटर को 5 जनवरी, 2021 को किसानी कानूनों बारे भ्रामक ख़बर प्रकाशित करने सम्बन्धी भारतीय दंडावली 1860 की धारा 499 /500 /501 अधीन मानहानि सम्बन्धी कानूनी नोटिस जारी किया गया है।प्रवक्ता ने बताया कि इस अखबार की तरफ से पंजाब राज्य के अमन कानून और आपसी भाईचारे को चोट पहुंचाने के लिए यह ख़बर प्रकाशित की गई कि पंजाब सरकार की तरफ से भारत सरकार के नये खेती कानून चुपके से लागू कर दिए गए हैं।

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जबकि सच्चाई इससे बिल्कुल उलट है। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार की तरफ से इन 3 कानूनों को शुरू से रद्द करने के लिए पंजाब विधानसभा में 20 अक्तूबर, 2020 को सर्वसम्मति के साथ प्रस्ताव पास कर दिया गया था और उसी दिन पंजाब सरकार की तरफ से किसानों के हितों को सुरक्षित करने के लिए 3 नये कानून पास किये गए थे। जिनका नाम क्रमवार द फारमर (इम्पावरमैंट एंड प्रोटेक्शन), एग्रीमेंट ऑन प्राइस ऐश्योरेंस एंड फार्म सर्विसिस (स्पैशल प्रोवीज़न्स एंड पंजाब अमैंडमैंट) 2020, द फारमर प्रड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (परमोशन एंड फैसिलीटेशन) (स्पैशल प्रोवीजन एंड पंजाब अमैंडमैंट) बिल 2020 और दी इसैंशियल कमोडिटी (स्पैशल प्रोवीजन एंड पंजाब अमैंडमैंट) बिल, 2020 पास किये गए थे जिससे राज्य के किसानों के खेती से सम्बन्धित हर तरह के हितों की सुरक्षा को यकीनी बनाया जा सके। 

प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब में कोई नयी प्राईवेट मंडी नहीं बनी है और राज्य में धान के खरीद सीजन के दौरान सरकारी मंडियों में कुल 203.96 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है जिसमें से सिफऱ् 1.14 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद प्राईवेट मिलर्स द्वारा की गई और बाकी की फ़सल एफसीआई और राज्य की बाकी सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा की गई। इसके अलावा दूसरे राज्यों से धान की फ़सल लाकर बेचने की कोशिश करने वाले 100 के करीब व्यापारियों पर कानूनी कार्यवाही भी की गई।प्रवक्ता ने बताया कि उक्त अख़बार की तरफ से लगाई गई ख़बर के कारण पंजाब सरकार और राज्य के खाद्य एवं सिविल सप्लाई विभाग की प्रतिष्ठा को चोट पहुँची है और इन कानूनों के खि़लाफ़ शांतमयी धरना दे रहे लोगों को सरकार के विरुद्ध बग़ावत के लिए भडक़ा सकती है। उन्होंने कहा कि इस ख़बर को सोशल मीडिया एप फेसबुक पर झूठे प्रचार के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है।प्रवक्ता ने कहा कि पंजाब सरकार प्रैस की स्वतंत्रता की पूरी तरह हिमायत करती है परंतु इस तरह की भ्रामक खबरों को स्वीकार नहीं किया जा सकता।   

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