अमन अरोड़ा द्वारा वर्किंग ग्रुप बनाने और अप्रैल के आखिर तक रिपोर्ट जमा करवाने के निर्देश    

चंडीगढ़, (द स्टैलर न्यूज़)। राज्य में प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए कम्प्रैस्ड बायोगैस (सी.बी.जी.) प्रोजैक्ट स्थापित करने में और अधिक तेज़ी लाने के लिए पंजाब के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री अमन अरोड़ा द्वारा आज सभी सम्बन्धित पक्षों का एक वर्किंग ग्रुप गठित करने के आदेश दिए। इस ग्रुप द्वारा अप्रैल महीने के आखिर तक रिपोर्ट जमा करवाई जायेगी। यहाँ पेडा भवन में सी.बी.जी. डिवेल्परों, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, गेल, आई.सी.ए.आर. और बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ सिलसिलेवार मीटिंगें कीं, जिससे सी.बी.जी. प्लांटों से सम्बन्धित अलग-अलग विभागों में लटक रहे मसलों का निर्णय किया जा सके।  
 
सी.बी.जी. प्रोजैक्टों से सम्बन्धित अलग-अलग विभागों में अलग-अलग स्तर पर बकाया पड़ी मंज़ूरियों पर चिंता ज़ाहिर करते हुए अमन अरोड़ा ने पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पेडा) के अधिकारियों को हिदायत की कि वह लम्बित पड़े मामलों के जल्दी निपटारे के लिए सम्बन्धित विभागों के साथ संपर्क करें, जिससे सी.बी.जी. प्रोजैक्टों की स्थापना के लिए मंज़ूरियां देने की प्रक्रिया को और तेज़ किया जा सके। मीटिंग के दौरान कैबिनेट मंत्री ने कुछ अधिकारियों को फ़ोन करके सभी लम्बित मामलों को बगैर किसी देरी से निपटाने के लिए भी कहा।  
 

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सी.बी.जी. की खरीद और उठवाई के बारे में अमन अरोड़ा ने कहा कि राजय सरकार द्वारा सी.बी.जी. और इससे पैदा हुई फरमैंटिड ऑर्गेनिक मैन्योर (जैविक खाद) की खरीद और उठवाई के लिए एक उचित विधि विकसित करने के लिए संभावनाएं तलाशी जाएंगी। उन्होंने निवेशकों को भरोसा दिया कि वह सी.बी.जी. की खरीद और उठवाई का मामला केंद्र सरकार के पास भी उठाएंगे। अमन अरोड़ा ने सी.बी.जी. डिवैल्परों को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब प्रमुख तौर पर कृषि प्रधान राज्य है और यहाँ धान की पराली और कृषि अवशेष पर आधारित सी.बी.जी. प्रोजैक्ट लगाने की अथाह संभावनाएं हैं क्योंकि यहाँ हर साल 20 मिलियन टन से अधिक पराली का उत्पादन हो रहा है।  
 
अमन अरोड़ा ने कहा कि पेडा द्वारा पहले ही 43 सी.बी.जी. प्रोजैक्ट अलॉट किए जा चुके हैं और यह 43 प्रोजैक्ट मुकम्मल होने पर सालाना लगभग 18 लाख टन धान की पराली का उपभोग करेंगे, जिससे रोज़ाना की 510.58 टन सी.बी.जी. पैदा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन 33.23 टन (टीपीडी) की कुल क्षमता वाला एशिया का सबसे बड़ा सी.बी.जी. प्लांट संगरूर जिले में पहले ही कार्यशील हो चुका है और 12 टी.पी.डी. क्षमता का एक और सी.बी.जी. प्रोजैक्ट खन्ना में कार्यशील हो चुका है जिसका ट्रायल चल रहा है। उन्होंने कहा कि 52.25 टीपीडी की कुल क्षमता वाले चार अन्य प्रोजैक्ट अगले 4-5 महीनों में कार्यशील होने की संभावना है।  
 
इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने कहा कि यह मीटिंगें सी.बी.जी. डिवैल्परों को दरपेश समस्याओं पर गौर करने और इनके जल्द से जल्द हल के सम्बन्ध में बुलाई गई हैं। उन्होंने कहा कि सी.बी.जी. प्लांट वैज्ञानिक तरीके से पराली को जलाने से रोकने का सबसे बढिय़ा हल हैं और मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य को नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन और इसके प्रयोग में अग्रणी राज्य बनाने के लिए वचनबद्ध है। सी.बी.जी. डिवैल्परों ने उनके मुद्दों को सुनने के लिए मीटिंगें बुलाने और सभी सी.बी.जी. प्रोजैक्टों के स्टेटस के बारे में निजी तौर पर निगरानी रखने के लिए अमन अरोड़ा का धन्यवाद किया।  
 
मीटिंगों में पेडा के चेयरमैन स. एच.एस. हंसपाल, पंजाब जैनको लिमिटेड के चेयरमैन नवजोत सिंह मंडेर (जरग), पेडा के डायरैक्टर एम.पी. सिंह, सी.जी.एम. गेल प्रवीर अग्रवाल, एस.एम. मार्किटिंग गेल ध्रुव अटल, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के कश्तिज संध्या, डी.जी.एम. इंडियन ऑयल जी जौहल, ए.जी.एम. एसबीआई मोहाली के. पंत, डी.जी.एम. एसबीआई मोहाली अरुना ठाकुर, ए.जी.एम. केनरा बैंक सुनील ख़ुमारी के अलावा वरबीयो इंडिया प्राईवेट लिमिटेड, ऐनरनैकस्ट प्राईवेट लिमिटेड (थरमैक्स ग्रुप), एवर ऐनवायरो रिसोर्स प्राईवेट लिमिटेड, आई.आर.एम. एनर्जी, पी.ई.एस. रीन्यूबल्ज़ प्राईवेट लिमिटेड, थिंद सी.बी.जी. प्राइवेट लिमिटेड, टोरैंट गैस, थिंक गैस और गुजरात गैस के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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