कोविड-19 के बावजूद अप्रैल-दिसंबर-2020 के दौरान अनाजों के निर्यात में भारी उछाल

नई दिल्ली ( द स्टैलर न्यूज़)। वित्त वर्ष-2020-21 की पहली तीन तिमाहियों के दौरान भारत से चावल, गेहूं और मोटे अनाजों के निर्यात में महत्वपूर्ण उछाल आया है।

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प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-दिसंबर 2020 में अनाजों का निर्यात पिछले वर्ष की इसी अवधि में हुए 32,591 करोड़ रुपए (4581 मिलियन अमेरिकी डॉलर) के निर्यात के मुकाबले बढ़कर 49,832 करोड़ रुपए हो गया। अनाजों के निर्यात में रुपए की दृष्टि से 52.90 प्रतिशत और अमेरिकी डॉलर की दृष्टि से 45.81 प्रतिशत की वृद्धि हुई। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास अथॉरिटी (एपीईडीए) द्वारा किए जाने वाले कुल निर्यात में अनाज निर्यात का हिस्सा रुपए की दृष्टि से 48.61 प्रतिशत रहा।

अप्रैल-दिसंबर, 2020 के आंकड़ों के अनुसार, बासमती चावल का निर्यात 2,038 करोड़ रुपये (2947 अमेरिकी डॉलर) का रहा जो पिछले साल इसी अवधि के दौरान 20,926 करोड़ (2936 अमेरिकी डॉलर) का रहा था।प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-दिसंबर 2020 के दौरान इस सुगंधित लम्बे दानों वाले चावल के निर्यात मेंपिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में रुपए की दृष्टि से 5.31 प्रतिशत और अमेरिकी डॉलर की दृष्टि से 0.36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।एपीईडीए द्वारा किए गए कुल निर्यात में इस बासमती चावल का हिस्सा 21.44 प्रतिशत है। भारत से बासमती चावल का निर्यात मुख्य रूप से ईरान, सउदी अरब, इराक, संयुक्तअरब अमीरात, कुवैत और यूरोपीय देशों को होता है।

वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तीन तिमाहियों के दौरान गैर-बासमती चावल की ढुलाई में भी                          पर्याप्त वृद्धि हुई है। अप्रैल-दिसंबर 2020 के दौरान गैर-बासमती चावल का 22,856 करोड़ रुपए (30,68 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का निर्यात हुआ जबकि अप्रैल दिसंबर-2019 की इसी अवधि के दौरान यह निर्यात 10,268 करोड़ रुपए (1448 मिलियन अमेरिकी डॉलर) था। गैर-बासमती चावल के निर्यात में रुपए की दृष्टि से 122.61 प्रतिशत की और अमेरिकी डॉलर की दृष्टि से 111.81 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एपीईडीए द्वारा किए गए कुल निर्यात में से गैर-बासमती चावल का हिस्सा 22.32 प्रतिशत रहा। भारत से गैर-बासमती चावल का निर्यात नेपाल, बेनिन, संयुक्त अरब अमीरात, सोमालिया, गिनी तथा एशिया, यूरोप और अमरीका के कई अन्य देशों को किया जाता है।

अप्रैल-दिसंबर 2020 की अवधि के दौरान गेहूं का निर्यात पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान किए गए 336 करोड़ रुपए (48 मिलियन अमेरिकी डॉलर) के निर्यात की तुलना में बढ़कर 1,870 करोड़ रुपए (252 मिलियन अमेरिकी डॉलर) हो गया। इसमें भी रुपए की दृष्टि से 456.41 प्रतिशत और डॉलर की दृष्टि से 431.10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एपीईडीए द्वारा किए जाने वाले कुल निर्यात में गेहूं के निर्यात की हिस्सेदारी 1.84 प्रतिशत है। भारत से गेहूं का निर्यात नेपाल, बांग्लादेश और संयुक्त अरब अमीरात को किया जाता है।

अप्रैल-दिसंबर 2020 के प्राप्त आंकड़ों के अनुसार बाजरा, मक्का तथा अन्य मोठे अनाजों का निर्यात पिछले वर्ष की इसी अवधि में किए गए 1061 करोड़ रुपए (149 मिलियन अमेरिकी डॉलर) से बढ़कर 3,067 करोड़ रुपए (413 मिलियन अमेरिकी डॉलर) हो गया। मौजूदा वित्त वर्ष में रुपए की दृष्टि से इसमें 189.09 प्रतिशत और डॉलर की दृष्टि से 177.02 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एपीईडीए द्वारा किए जाने वाले कुल निर्यात में इन मोटे अनाजों की हिस्सेदारी 3.01 प्रतिशत है। भारत से मोटे अनाजों का निर्यात संयुक्त अरब अमीरात, सउदी अरब, नेपाल, अमेरिका, जर्मनी और जापान को किया जाता है।

कोविड-19 महामारी के कारण जब वैश्विक तौर परविभिन्न उपभोक्ता वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो गई थी, ऐसे में चावल निर्यात में तीव्र उछाल लाने का श्रेय सरकार के उन उपायों को जाता है जो उसने कोविड-19 से जुड़ी सुरक्षा एहतियातों का पालन करते हुए चावल के निर्यात को सुनिश्चित करने के लिए किए थे। एपीईडीए के अध्यक्ष डॉक्टर एम. अंगमुथु ने कहा, ‘‘कोविड-19 द्वारा पेश परिचालनगत और स्वास्थ्य चुनौतियों के कारण सुरक्षा और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए हमने बहुत से उपाय किए। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया कि चावल का निर्यात अबाधित रूप से जारी रहे।’’

चावल निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एपीईडीए के अंतर्गत चावल निर्यात संवर्धन फोरम (आरईपीएफ) की स्थापना की।आरईपीएफ में चावल उद्योग, निर्यातकों, एपीईडीए के अधिकारियों, वाणिज्य मंत्रालय तथा प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों- पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, असम, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कृषि निदेशकों के प्रतिनिधि शामिल हैं।

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