चंडीगढ़, 12 अप्रैल: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोमवार को ‘बसेरा’ स्कीम के अंतर्गत 3245 और झुग्गी झोंपड़ी वालों को मालिकाना हक प्रदान किए जाने के आदेश दिए। इसके साथ ही उन्होंने इस वर्ष के सितम्बर महीने तक ऐसे 40,000 घरों को यह मालिकाना हक दिए जाने की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री झुग्गी झोंपड़ी विकास प्रोग्राम ‘बसेरा’ के अंतर्गत उच्चाधिकार प्राप्त समिति की दूसरी मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सम्बन्धित विभाग को सत्यापन प्रक्रिया तेज़ी से पूरी करके राज्य में अधिक से अधिक झुग्गी झोंपड़ी वालों को मालिकाना हक देना यकीनी बनाने के लिए कहा।
उन्होंने अलग-अलग जि़लों में इस स्कीम के अंतर्गत हुई प्रगति की समीक्षा भी की। जिन 3245 घरों को मालिकाना हक देने की मंज़ूरी दी गई है, उनमें 12 झुग्गी झोंपड़ी वाले घर फरीदकोट, संगरूर और फाजि़ल्का जि़लों में स्थित हैं। मुख्यमंत्री को यह अवगत करवाया गया कि अभी तक 20 जि़लों के 186 झुग्गी झोंपड़ी वाले इलाकों, जिनमें 21,431 घर हैं, की पहचान की गई है, जहाँ सत्यापन प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है। वर्चुअल मीटिंग में यह भी जानकारी दी गई कि अगले दो महीनों में 25,000 घरों का सत्यापन कर लिया जाएगा और इसके साथ ही योग्य पाए जाने वाले झुग्गी झोंपड़ी वालों को मालिकाना हक देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। मीटिंग के दौरान यह भी फ़ैसला किया गया कि 40,000 घरों का सत्यापन सितम्बर, 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा।
उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा अभी तक हुई दो मीटिंगों के दौरान इस स्कीम के अंतर्गत 21 झुग्गी झोंपड़ी वाले इलाकों के 4705 घरों को मालिकाना हक की मंज़ूरी दी है, जोकि मोगा, बठिंडा, फ़ाजि़ल्का, पटियाला, संगरूर और फरीदकोट जि़लों में स्थित हैं। इनके अलावा मौजूदा समय में 186 और झुग्गी झौंपडिय़ों की पहचान की जा रही है, जिनमें तकरीबन 22,000 घर हैं। यह स्कीम, जिसका मकसद झुग्गी झोंपड़ी वालों का घर का सपना पूरा करना है, मुख्यमंत्री द्वारा इस वर्ष जनवरी में समूचे शहरी विकास एवं योजनाबंदी के लक्ष्य की तरफ एक दूरदर्शी कदम के तौर पर शुरू किया गया था। पंजाब, देश का ऐसा पहला राज्य है जोकि ‘द पंजाब स्लम डवैलर्ज़ (प्रोप्राइट्री राइट्स) एक्ट, 2020’ को नोटीफायी किए जाने की तारीख़-1 अप्रैल, 2020, को किसी भी शहरी क्षेत्र में किसी भी झुग्गी झोंपड़ी वाले इलाके में स्थित राज्य सरकार की ज़मीन पर काबिज़ हरेक झुग्गी झोंपड़ी वाले घर को मालिकाना हक देता है।
इस स्कीम के पहले चरण में कुल 1 लाख झुग्गी झोंपड़ी वालों को फ़ायदा होगा, जोकि बाद में अन्य जि़लों तक भी पहुँचाया जाएगा। इस स्कीम के अंतर्गत ‘द पंजाब स्लम डवैलजऱ् (प्रोप्रायट्री राइट्स) एक्ट, 2020’ को नोटीफायी किए जाने की तारीख़-1 अप्रैल, 2020, को किसी भी शहरी क्षेत्र में किसी भी झुग्गी झोंपड़ी वाले इलाके में स्थित सरकारी ज़मीन पर काबिज़ हरेक झुग्गी झोंपड़ी वाले घर को योग्य माना जाएगा परन्तु, इसके लाभार्थियों को हस्तांतरित की गई ज़मीन 30 वर्षों तक किसी दूसरे के नाम करने की आज्ञा नहीं होगी।