पंजाब सरकार की सभी स्कीमों में 30 प्रतिशत फंड अनुसूचित जातियों की भलाई के लिए खर्च किए जाएंगे: मुख्यमंत्री

चंडीगढ़, (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब सरकार द्वारा अपनी सभी योजनाओं में कम से कम 30 प्रतिशत फंड राज्य की अनुसूचित जाति जनसंख्या की भलाई के लिए ख़र्च किए जाएंगे। यह ऐलान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने डॉ. बी.आर. अम्बेडकर को श्रद्धाँजलि भेंट करते हुए दलित भाईचारे के विकास के लिए उठाए जाने वाले कई कदमों के साथ किया। उन्होंने कहा कि डॉ. अम्बेडकर को पहले भारतीय के तौर पर याद किया जाना चाहिए जिन्होंने दलित समाज के लिए बहुत कुछ प्राप्त किया।  राज्य स्तरीय वर्चुअल समागम के दौरान भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. बी.आर. अम्बेडकर को उनके 130वें जन्म दिवस के मौके पर श्रद्धासुमन भेंट करते हुए मुख्यमंत्री ने सभी विभागों में एस.सी. पदों का बैकलॉग पहल के आधार पर भरने का ऐलान किया।

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इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सियाजीराओ गायकवाड़ ढ्ढढ्ढढ्ढ द्वारा स्थापित स्कीम के अंतर्गत बाबा साहेब को दी गई बड़ोदा स्टेट स्कॉलरशिप स्कीम की तजऱ् पर एस.सी. विद्यार्थियों के लिए पोस्ट-मैट्रिक ओवरसीज़ स्कॉलरशिप स्कीम की संभावनाएं तलाशने का भी वादा किया। मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2022 के लिए ग्रामीण लिंक सडक़ों के लिए 500 करोड़ रुपए की लागत वाले विशेष प्रोजैक्ट का भी ऐलान किया। इस प्रोजैक्ट के अधीन अनुसूचित जातियों और अन्य गरीब वर्गों की आबादी जहाँ इस समय पर लिंक रोड नहीं है, के लिए नए लिंक रोड बनाए जाएंगे। इस प्रोजैक्ट के द्वारा श्मशान घाट और पूजा स्थल भी जोड़े जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 50 प्रतिशत से अधिक एस.सी. आबादी वाले गाँवों के आधुनिकीकरण न के लिए वर्ष 2021-22 में 100 करोड़ की विशेष राशि प्रस्तावित की गई है। उन्होंने कहा कि इसका मकसद कुल जनसंख्या के 50 प्रतिशत या उसके बराबर अनुसूचित जाति जनसंख्या वाले गाँवों में मौजूदा ग्रांटों को और आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में बारहवीं कक्षा के सभी एस.सी. विद्यार्थियों को स्मार्ट फ़ोन दिए जाएंगे, जबकि डेयरी फार्मिंग के लिए प्रेरित करने के लिए 9 प्रशिक्षण और एक्स्टेंशन सैंटरों में गाँव स्तरीय 150 जागरूकता कैंप लगाए जाएंगे और अनुसूचित जाति के लाभार्थियों पर विशेष ज़ोर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने आगे ऐलान किया कि उनकी सरकार ने ‘हर घर पक्की छत’ के अधीन गाँवों में एस.सी. अजिऱ्यों के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण और आर्थिक तौर पर कमज़ोर वर्गों के लिए वाजिब कीमतों वाली हाउसिंग स्कीम में भी 30 प्रतिशत आरक्षण देना प्रस्तावित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की सिविल सर्विस्ज़ समेत प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जालंधर में डॉ. बी.आर. अम्बेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेनिंग स्थापित करने की योजना है। यह जी.जी.आर.के. मिशन के अतर्गत स्थापित करने के लिए प्रस्तावित है, जहाँ एस.सी. परिवारों से सम्बन्धित उम्मीदवारों के लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित होंगी। उन्होंने कहा कि पंजाब टैक्रीकल यूनिवर्सिटी, कपूरथला में डॉ. बी.आर. अम्बेडकर म्युजिय़म और डॉ. बी.आर. अम्बेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट की स्थापना समेत अन्य प्रोजैक्टों की भी योजना है। मुल्क में अभी भी दलित विरोधी मानसिकता मौजूद होने पर अफ़सोस ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने लोगों में और भी बेहतर जागरूकता लाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि बदकिस्मती से उनके पास वह सब कुछ करने के लिए साधन नहीं हैं, जो कुछ वह डॉ. अम्बेडकर का संदेश फैलाने के लिए सचमुच करना चाहते हैं। 

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने याद करते हुए बताया कि जब राजीव गाँधी ने अपने भाई संजय गांधी की मौत के बाद अमेठी से पहली बार चुनाव लड़ा था तो उन्होंने हलके के चार इलाकों में से एक इलाके की कमान उनको सौंपी थी। उन्होंने बताया, ‘‘एक एस.सी. नौजवान जो मदद के लिए मेरे साथ तैनात किया गया था, उच्च जाति के प्रभाव वाले गाँव में प्रवेश करने से पहले जीप से उतरना चाहता था परन्तु मैंने उसे ऐसा करने की इजाज़त नहीं दी। जब गाँव वासियों ने मुझे पीने के लिए पानी की पेशकश की तो वह नौजवान मेरे साथ खड़ा था जिसको वहाँ से चले जाने के लिए कहा। परन्तु मैंने स्पष्ट कर दिया कि वह अकेला नहीं जाएगा। इस कारण मैं भी वहाँ से चला गया और उनको कहा वोटें डालो या न डालो, हम जा रहे हैं।’’ मुल्क के लिए डॉ. अम्बेडकर के बेमिसाल योगदान को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह एक सूबेदार के पुत्र थे और उन्होंने बहुत सख़्त मेहनत की और तालीम हासिल की, जबकि उस समय पर बहुत से लोग स्कूल भी नहीं जाते थे। कोलम्बिया यूनिवर्सिटी (यू.एस.ए.) और लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से पढ़ाई करने के बाद उनको ग्रेज़ इन (लंदन) में भी बुलाया गया।

मुम्बई में सिडनहैम कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकनॉमिक्स में राजनीतिक अर्थव्यवस्था के प्रोफ़ैसर, भारत के पहले कानून मंत्री बनने से पहले हाईकोर्ट में प्रेक्टिस की और उसके बाद संविधान की ड्राफटिंग कमेटी के चेयरमैन बने। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको एक बहुत ही बुद्धिमान व्यक्ति को श्रद्धांजलि देते हुए गर्व महसूस हो रहा है, जिन्होंने संविधान का नक्क्षा तैयार किया, जिसके अनुसार मुल्क आज भी चल रहा है। इस मौके पर मुख्य सचिव विनी महाजन ने दलितों की भलाई के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जि़क्र किया। कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार द्वारा शगुन स्कीम की राशि बढ़ाने और पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम, जिसको केंद्र ने बंद कर दिया था, को बहाल करने समेत उठाए गए कदमों की सराहना की। कैबिनेट मंत्री अरुणा चौधरी ने भी दलित औरतों और लड़कियों के लिए उठाए गए क्रांतिकारी कदमों की सराहना की। इस दौरान कैबिनेट मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने 85वीं संशोधन लागू करने, दलितों के लिए पक्की भर्ती, प्राईवेट स्कूलों, पुलिस विभाग, एडवोकेट जनरल दफ़्तर और बोर्डों के चेयरमैनों के लिए दलितों के लिए आरक्षण की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।

इस मौके पर पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ ने ‘मनूवादी सोच’ की निंदा की, जो अभी भी समाज को जाति, रंग, नस्ल के आधार पर बाँटता है और कोई आर्थिक समानता नहीं और दलितों को अभी भी अछूत समझा जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसी मानसिकता को प्रोत्साहन देने वाले लोग भाईचारे की भावनाओं और बाबा साहेब की विचारधारा के साथ खीलवाड़ कर रहे होते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘एस.सी. भाईचारे में उनके शोषण के विरुद्ध जागरूकता फैलाना हमारी जि़म्मेदारी बनती है।’’ विधायक राज कुमार वेरका ने 85वीं संशोधन लागू करने के लिए कमेटी बनाने के साथ-साथ सफ़ाई कर्मचारियों के लिए पक्के रोजग़ार और वेतन में वृद्धि का सुझाव रखा। विधान सभा के डिप्टी स्पीकर अजायब सिंह भट्टी ने भी मुख्यमंत्री की एस.सी. भाईचारे के प्रति दूरदर्शी सोच के लिए उनकी सराहना की। इस मौके पर जालंधर से संसद मैंबर संतोख सिंह चौधरी और विधायक राज कुमार चब्बेवाल ने भी इस मौके पर बाबा साहेब के बारे में अपने विचार साझे किए।

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