जिलाधीश ने स्वास्थ्य संभाल संस्थानों को कोविड -19 के मरीज़ों के लिए 75 प्रतिशत बैड आरक्षित रखने की अपील की

जालंधर (द स्टैलर न्यूज़)। जिलाधीश घनश्याम थोरी ने कोविड -19 के मरीज़ों के लिए सभी स्वास्थ्य संभाल संस्थानों को अपने बैंडो की सामथ्र्य को कम से -कम 75 प्रतिशत आरक्षित रखने की अपील की, जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि मामलों में वृद्धि दौरान अस्पतालों में बैंडो की कमी न हो। मुख्य सचिव विनी महाजन की अध्यक्षता में हुई कोविड-19 समीक्षा बैठक में भाग लेते हुए जिलाधीश ने मुख्य सचिव को वायरस की रोकथाम के लिए प्रशासन की तरफ से उठाए जा रहे कदमों के बारे में अवगत करवाया। उन्होनें कहा कि कोविड -19 मामलों के साथ और ज्यादा प्रभावशाली ढंग के साथ पूर करने के लिए सभी प्राईवेट अस्पतालों को अपने -अपने अस्पतालों में कुल बैंडो की सामथ्र्य का 75 प्रतिशत आरक्षित रखने के लिए कहा जा रहा है और इलैक्टिव सर्जरियों को पहले ही अगले आदेशों तक बंद रखने के लिए कहा गया है। जिलाधीश ने सभी अस्पतालों को महामारी दौरान जीवन रक्षक गैस की ज़रूरतों की पूर्ति के लिए आक्सीजन कंसनटरेटर का प्रयोग करने के लिए भी कहा। उन्होनें कहा कि यह कंसनटरेटर अस्पतालों में कम गंभीर मरीज़ों के लिए आक्सीजन की उपयुक्त उपलब्धता को यकीनी बनाऐंगे, जिससे उनको अपनी आक्सीजन की सामथ्र्य में विस्तार करने में मदद मिलेगी। इस दौरान जिलाधीश ने ओपीडी में आने वाले मरीज़ों की अधिक से अधिक टैस्टिंग और वैक्सीनेशन करने के आदेश भी दिए, क्योंकि इन स्थानों पर बड़ी संख्या में संभावी वायरस कैरियरों का पता लगाया जा सकता है।

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जिलाधीश ने आज एक आदेश में सम्बन्धित आधिकारियों को आदेश दिए कि सिफऱ् अस्पताल को आक्सीजन की स्पलाई को यकीनी बनाया जाये और यदि अस्पतालों की ज़रूरत को पूरा करने के बाद आक्सीजन की उपलब्धता होती है तो ही उद्योगों को स्पलाई की जायेगी वह भी सहायक कमिश्नर हरदीप सिंह और डिप्टी डायरैक्टर स्थानीय निकाय सरकारें दरबारा सिंह की लिखित मंजूरी के साथ । उन्होनें स्पष्ट तौर पर कहा कि यदि जिले में आक्सीजन गैस की कोई कालाबाजारी होती है तो इस जुर्म के अपराधियों खि़लाफ़ एफ.आई.आर. दर्ज की जायेगी। इस अवसर पर एस.एस.पी. डा. सन्दीप गर्ग, ए.डी.सी. विशेष सारंगल और जसबीर सिंह, डी.आई.ओ. राकेश चोपड़ा और अन्य मौजूद थे।

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