अमृतसर, लुधियाना और जालंधर के सर्कट हाऊसों के पी.पी.पी ढंग के द्वारा नवीनीकरन, संचालन और रख-रखाव को मंजूरी

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। मौजूदा संसाधनों में सुधार और परिसंपत्तियों के भरपूर इस्तेमाल करने के मकसद की पूर्ति के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में पंजाब मंत्रीमंडल ने सोमवार को अमृतसर, लुधियाना और जालंधर के सर्कट हाऊसों के निजी-सार्वजनिक हिस्सेदारी (पी.पी.पी.) के द्वारा नवीनीकरन, संचालन और रख-रखाव को मंजूरी दे दी।

Advertisements

आज यहाँ यह जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस सम्बन्ध में अपेक्षित कार्यवाही करने के लिए पंजाब बुनियादी ढांचा विकास बोर्ड (पी.आई.डी.बी) को राज्य की नोडल एजेंसी बनाया गया है। प्रवक्ता ने आगे बताया कि आम राज प्रबंध विभाग की तरफ से लुधियाना और जालंधर के सर्कट हाऊसों को पी.पी.पी. ढंग के द्वारा विकसित करने के बाद चलाने की योजना है जिससे इनको सर्कट हाऊस-कम-होटल के तौर पर चलाया जा सके।

जिक्रयोग्य है कि आम राज प्रबंध विभाग की तरफ से अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, बठिंडा, फिरोजपुर, फरीदकोट, पटियाला, गुरदासपुर, चण्डीगढ़ और शिमला में स्थित 10 सर्कट हाऊस चलाए जाते हैं। इसके अलावा नयी दिल्ली और चण्डीगढ़ में दो पंजाब भवन भी स्थित हैं।इन सर्कट हाऊसों को सरकारी काम के लिए अलग-अलग जिला मुख्यालयों के दौरे पर जाते सरकारी अफसरों/कर्मचारियों के रहने के लिए बनाया गया था। परन्तु, इन सर्कट हाऊसों के रख-रखाव और सुविधाओं में सुधार करके बार-बार होते खर्च  के कारण समय बाद कर यह राज्य सरकार के लिए वित्तीय बोझ बन गए। इसके इलावा सेवाओं के स्तर में भी काफी पतन आया है। उच्च लागतों और कम सामर्थ्य के कारण इनके खर्चे काफी बढ़ गए जबकि वसूली नाममात्र ही रही।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here