मुख्यमंत्री द्वारा गुणवत्ता प्रभावित और रास्ते में पडऩे वाले 1021 गाँवों के लिए चल रहे जल प्रोजेक्टों को मुकम्मल करने के आदेश

चंडीगढ़, 30 अप्रैल: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने जल आपूर्ति विभाग के कामकाज का जायज़ा लेते हुए नहरी पानी की सप्लाई वाले चल रहे 10 प्रोजेक्टों को दिसंबर, 2022 तक मुकम्मल करने के आदेश दिए हैं। 1032 करोड़ रुपए की लागत वाले इन प्रोजेक्टों में पटियाला, फतेहगढ़ साहिब, गुरदासपुर, तरन तारन और अमृतसर के पानी की गुणवत्ता से प्रभावित और रास्ते में पडऩे वाले 1021 गाँवों को शामिल किया जाना है। इस दौरान जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री रजि़या सुल्ताना ने मुख्यमंत्री को बताया कि इन 10 प्रोजेक्टों के अलावा राज्य सरकार ने गुणवत्ता प्रभावित 701 अन्य गाँवों के लिए भी नहरी पानी के पाँच बड़े प्रोजैक्ट मंज़ूर किए गए हैं। इस सम्बन्धी 1068 करोड़ रुपए की लागत वाले इन प्रोजेक्टों में जि़ला फिऱोज़पुर के 95 गाँव, फाजि़ल्का के 342 गाँव, होशियारपुर जि़ले के पानी की कमी वाले 197 गाँव और रोपड़ के 67 गाँव शामिल हैं। यह कार्य जून, 2021 तक शुरू होने हैं। मुख्यमंत्री ने विभाग को आदेश दिए कि राज्य के 918 प्रभावित गाँवों में 135 करोड़ रुपए की लागत से कम्युनिटी वॉटर प्यूरीफिकेशन प्लांट, आर्सेनिक एंड आयरन रिमूवल प्लांट और हाऊसहोल्ड प्यूरीफायरज़ के द्वारा साफ़ पानी देने के आदेश दिए हैं जो 2020-21 में शुरू हुए थे। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग को चल रहे प्रोजेक्टों को समय पर मुकम्मल करने के लिए ध्यान से निगरानी को यकीनी बनाने के आदेश दिए हैं। रजि़या सुल्ताना ने मुख्यमंत्री को बताया कि यह सभी वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट 30 सितम्बर, 2021 तक कार्यशील हो जाएंगे।

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मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री को राज्य में पानी की गुणवत्ता की टेस्टिंग के लिए मौजूदा बुनियादी ढांचे को मज़बूत बनाने के लिए 14 करोड़ रुपए की लागत से 31 वॉटर टेस्टिंग लैब्ज़ (प्रांतीय, जि़ला और सब इकाईयों पर आधारित लैब्ज़) अपग्रेड करने समेत विभाग के विस्तार के लिए किए गए प्रयासों संबंधी जानकारी दी। विचार-विमर्श में हिस्सा लेते हुए जल आपूर्ति एवं स्वच्छता की प्रमुख सचिव श्रीमती जसप्रीत तलवाड़ ने मुख्यमंत्री को बताया कि विभाग ने इन सभी लैब्ज़ के लिए अक्तूबर, 2021 तक एन.ए.बी.एल. की मान्यता प्राप्त करने का प्रस्ताव दिया है। विभाग द्वारा दिसंबर, 2021 तक विश्व बैंक/नाबार्ड के अधीन चल रही 230 ज़मीन/सतही आधारित पाईप्ड जल आपूर्ति स्कीमों को मुकम्मल करने के अलावा बहादुरगढ़ (10 गाँव) में सीवरेज सुविधाएं, गाँव घुंमन (भगत नामदेव जी से सम्बन्धित) और ब्यास में बुड्ढ़ा थेह में सीवरेज सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी।  इसके अलावा मई, 2021 में फरीदकोट में जल आपूर्ति स्कीम को 8 करोड़ रुपए की लागत के साथ अपग्रेड किया जाएगा और श्री आनन्दपुर साहिब कस्बो में 7.73 करोड़ रुपए की लागत से सीवरेज सम्बन्धी कार्यों में विस्तार किया जाएगा। मुख्यमंत्री के ध्यान में यह भी लाया गया कि विभाग द्वारा जून, 2021 तक ‘जल सेवा ऐप’ की शुरूआत की जाएगी, जिससे आम लोग अपने क्षेत्र में ग्रामीण जल सप्लाई स्कीमों की सुपुर्दगी और स्थिति की कारगुज़ारी की निगरानी कर सकें। साल 2020-21 के दौरान विभाग द्वारा ग्रामीण स्वच्छता के लिए व्यक्तिगत घरेलू पखाने (आई.एच.एच.एल.), कम्युनिटी सैनेटरी कॉम्पलैक्स, ठोस और तरल कूड़ा प्रबंधन के लिए 206 करोड़ रुपए ख़र्च किए गए। इसके अलावा विभाग द्वारा साल 2021-22 में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) प्रोग्राम के अधीन विभिन्न गतिविधियां जैसे आई.एच.एच.एल्ज़, कम्युनिटी सैनेटरी कॉम्पलैक्स, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट इकाईयां, बायो-गैस प्लांट और फिकल सल्ज मैनेजमेंट के लिए 341 करोड़ रुपए का प्रयोग करने का प्रस्ताव दिया गया। जि़क्रयोग्य है कि विभाग 305 करोड़ रुपए की सरकारी अनुदान के द्वारा पावरकॉम के पास जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग की ग्रामीण जल आपूर्ति स्कीमों के बकाया बिजली बिलों का निपटारा करने के योग्य बना है।

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