कोविड कंट्रोल रूमः बैडों की उपलब्धता और ऑक्सीजन की ख़रीद पर 24 घंटे रखी जा रही है निगरानी ताकि लोगों को कोई परेशानी न हो

चंडीगढ़(द स्टैलर न्यूज़)। कोरोना मामलों की बढ़ रही संख्या के मद्देनज़र, पंजाब सरकार ने ऑक्सीजन की सप्लाई संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए 26 अप्रैल, 2021 को सीनियर आई.ए.एस. अधिकारियों के सम्मिलन वाले एक विशेष कंट्रोल रूम का स्थापन किया था। इसी तरह सरकार द्वारा 10 मई को बैडों की रीयल टाईम उपलब्धता और संबंधित मुद्दों पर निगरानी रखने के लिए एक और कंट्रोल रूप बनाया गया।राज्य को मुख्य तौर पर दो चुनौतियों का सामना करना पड़ा। एक तरफ़ राज्य में तरल मैडीकल ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं है और दूसरा उत्तर-पश्चिमी राज्य होने के कारण पंजाब ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए मुख्य तौर पर दूर दूराज के राज्यों पर निर्भर करता है। मैडीकल ऑक्सीजन की निर्विघ्न सप्लाई का प्रबंध करने के लिए कंट्रोल रूम ने बेहतर प्रबंधन के लिए पाँच विंगों में काम बाँट कर तुरंत काम शुरू कर दिया। पहला विंग ज़िला प्रशासनों के द्वारा राज्य के सभी 277 अस्पतालों से ऑक्सीजन की माँग का मिलान करता है।

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हर अस्पताल का नोडल अफ़सर ऑक्सीजन की ज़रूरत बारे बताता है जिस बारे रोज़मर्रा के आधार पर जानकारी एकत्रित की जाती है। सभी अस्पतालों को कहा गया है कि वह अपनी ज़रूरतों बारे ज़िला प्रशासन को बारह घंटे पहले सूचित करें जिससे राज्य द्वारा समय पर कार्यवाही की जा सके।दूसरा विंग राज्य से बाहर ऑक्सीजन का प्रबंध करता है। जब मौजूदा कंट्रोल रूम ने अपना काम करना शुरू किया, टीम ने राज्य में ऑक्सीजन लेजाने के लिए उपलब्ध 19 टैंकरों का प्रभार संभाल लिया। यह टीम सड़क, रेल और हवाई मार्ग के द्वारा सारी तरल मैडीकल ऑक्सीजन के यातायात को ट्रैक करती है। इस टीम के निरंतर यत्नों स्वरूप उपलब्ध टैंकरों की संख्या 19 से बढ़ाकर 32 करने में मदद मिली, जिसमें भारत सरकार के 4 टैंकर भी शामिल हैं। इस टीम ने ऑक्सीजन एक्सप्रैस को चलाने और ओटीडीएस की निगरानी का काम भी शुरू किया।तीसरा विंग एयर सेपरेशन ईकाईयों के कामकाज को अनुकूल बनाकर राज्य के अंदर से ऑक्सीजन का प्रबंधन करता है।

टीम रीफिलिंग इकाईयां पर भी नज़र रखती है जिससे एल.एम.ओ. बिना किसी लापरवाही के सिलेंडरों में भरी जा सके। यह टीम यह यकीनी बनाती है कि सीमित संख्या में उपलब्ध ऑक्सीजन सिलंडरों का यातायात (सर्कुलेशन) अस्पतालों, ए.एस.यूज़ और रीफिलंग इकाईयों के दरमियान निरंतर बना रहे।चौथा विंग ऑक्सीजन सप्लाई का माँग के साथ मिलान करता है। यह टीम उपलब्ध और राज्य में आ रही मैडीकल ऑक्सीजन का स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों के द्वारा की गई माँग के साथ मिलान करती है। टीम द्वारा की गई माईक्रो-मैनेजमेंट राज्य के पास उपलब्ध सीमित स्रोतों के समय पर प्रयोग को बरकरार रखती है।कंट्रोल रूम का पाँचवाँ विंग डेटा सैंटर और सर्वोत्तम अभ्यास विंग है। यह विंग राज्य और देश के अंदर कोविड स्थिति का अध्ययन और निगरानी करता है। यह टीम देश और दुनिया भर में चल रहे उत्तम अभ्यासों का विश्लेषण करती है जिससे ये राज्य की अनुकूलता के अनुसार अपनाए जा सकें।इन निरंतर यत्नों स्वरूप राज्य सभी अस्पतालों को बाकायदा ऑक्सीजन की सप्लाई यकीनी बनाने में सक्षम हो पाया है। पंजाब ने संकट के इस समय में अपने पड़ोसी राज्यों की भी सहायता की है। राज्य देश के दूर स्थित पूर्वी राज्यों से ऑक्सीजन की खरीद में लगते समय को घटाने में सक्षम हो पाया है। पंजाब सरकार ने किसी भी इमरजेंसी से निपटने के लिए ऑक्सीजन का अपेक्षित भंडार भी तैयार किया है।

दूसरा कंट्रोल रूम जो बैडों के प्रबंधन का ध्यान रखता है, द्वारा राज्य में उपलब्ध सभी बिस्तरों की एक सूची बनाई गई है। अब बैडों की रीयल टाईम उपलब्धता की व्यवस्था की गई है जो www.statecontrolroom.punjab.gov.in पर देखी जा सकती है।एक चैट बोट भी बनाया गया है और प्रत्येक इच्छुक कोविड मरीज़ व्हाट्सऐप पर चैट कर सकता है और चैटबोट से अपने सवालों के जवाब प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा कोविड के मरीज़ों को आऊटबांड कॉल की जा रही हैं। ये दोनों कंट्रोल रूम एक दूसरे के साथ तालमेल के ज़रिये काम कर रहे हैं जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि पंजाब के लोगों को किसी भी तरह की मुश्किलों का सामना न करना पड़े।सरकारी अमले द्वारा किये गए सभी यत्नों के बावजूद, कंट्रोल रूम पंजाब के लोगों का भी धन्यवाद करता है क्योंकि वे पूर्ण रूप से कोविड दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं।

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