पंजाब मंत्रीमंडल द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में लम्बे समय के लिए पीने योग्य पानी मुहैया करवाने के लिए एस.पी.वी. को मंजूरी

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पानी की गुणवत्ता प्रभावित जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में लम्बे समय के लिए पीने योग्य पानी की सप्लाई यकीनी बनाने के लिए पंजाब मंत्रीमंडल ने बुधवार को राज्य में बड़ी बहु-उद्देश्यीय नहरी जल सप्लाई योजनाओं के संचालन और रख-रखाव के लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल (एस.पी.वी.) की मंजूरी दे दी। जल सप्लाई और सेनिटेशन विभाग अधीन यह भारत में अपने किस्म की पहली उपयोगी ‘पंजाब ग्रामीण जल (सुविधा) कंपनी’ होगी। मुख्यमंत्री कैैपटन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता में हुई वर्चुअल कैबिनेट मीटिंग ने एस.पी.वी के नाम पर खाता खोलने की भी मंजूरी दे दी जिसमें विश्व बैंक फंड (64 प्रतिशत) द्वारा जारी 25 करोड़ रुपए की राशि जमा है और राज्य का बजट 36 प्रतिशत है। यह शुरुआती पाँच सालों के लिए कामकाज में सहयोग करेगा। यह आवंटन एस.पी.वी. के अनुबंध संबंधी जिम्मेदारियों और इसके प्रशासनिक खर्चों को पूरा करने और अगर राजस्व संग्रह में कमी होती है, को पूरा करने में सहायता करेगी। मंत्रीमंडल ने मुख्यमंत्री को ढांचे में मंत्रीमंडल द्वारा भविष्य में कोई भी संशोधन, कर्तव्य और जिम्मेदारियों, फंडिंग पैटर्न को मंजूरी देने के लिए स्टेट वाटर सप्लाई और सेनिटेशन मिशन के चेयरपर्सन के तौर पर अधिकृत किया।

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जल सप्लाई और सेनिटेशन विभाग इस समय अमृतसर, तरन तारन और गुरदासपुर जिलों के 612 गाँवों में पाँच नये बहु-गाँव नहरी जल सप्लाई प्रोजेक्टों को लागू करने और पटियाला और फतेहगढ़ साहिब जिलों के फ्लोराइड प्रभावित ब्लाॅकों के 408 गाँवों के एक अन्य प्रोजैक्ट पर काम कर रहा है। यह प्रोजैक्ट निर्माणाधीन हैं। एक अन्य प्रोजैक्ट लोहे / आर्सेनिक प्रभावित रूपनगर जिले (नूरपुर बेदी ब्लाॅक) के 39 गाँवों में 2019 में शुरू हुआ था। इसके अलावा एक प्रोजैक्ट मोगा जिले में डिजाइन, बिल्ड आॅपरेट और ट्रांसफर (डी.बी.ओ.टी.) माॅडल के आधार पर जनवरी 2021 में मैसर्ज एल एंड टी लिमिटेड द्वारा मुकम्मल किया गया जिसकी कुल लागत 218.56 करोड़ रुपए थी और इसने 3.64 लाख लोगों के जीवन पर अच्छा प्रभाव डाला। एस.पी.वी. ढांचे बारे विस्तार में जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि यह सभी सम्बन्धित पक्षों द्वारा अनुबंध संबंधी जिम्मेदारियों के पालन को यकीनी बनाएगा जिससे सम्पत्ति का उचित प्रबंधन किया जा सके और अलग-अलग पक्ष जैसे कि जल सप्लाई और सेनिटेशन विभाग, ठेकेदार, ग्राम पंचायतों और प्रयोक्ताओं के बीच तालमेल रहे। एस.पी.वी. जल सप्लाई और सेनिटेशन विभाग अधीन स्वायत्त संस्था होने के नाते इसके अपने संविधान अनुसार काम करेगी जो कि इसको वित्तीय स्वतंत्रता देगा।


प्रोजेक्टों के अंतर्गत बनीं सम्पत्तियों का स्वामित्व इस एस.पी.वी. के पास होगा। यह विशेष एजेंसी जल के सभ्य प्रयोग के साथ उच्च सेवा सुपुर्दगी मापदण्डों (24 घंटे) वाले जल की सप्लाई के प्रबंधन को यकीनी बनाने के साथ-साथ नवीन प्रोजेक्टों (सौ ऊर्जा और स्मार्ट मीटरिंग का प्रयोग) का प्रस्ताव भी देगी। एस.पी.वी. जल के अधिक प्रयोग के लिए ठेकेदारों के लिए समय पर बिलिंग और वसूली के लिए तंत्र और एस.ओ.पीज को संस्थागत बनाएगी और ग्राम पंचायत जल सप्लाई समितियाँ (जी.पी.डब्ल्यू.एस.सीज), कलस्टर स्तर समिति (सी.एल.सीज) और स्कीम स्तर समिति (एस.एल.सीज) को सामाजिक, संस्थागत और तकनीकी सहायता प्रदान करेगी। इसके अलावा जल की गुणवत्ता की निगरानी, जल के मीटरों का प्रबंधन, कंट्रोल रूम के कामकाज की निगरानी समेत रोजमर्रा के कामकाज का प्रबंधन इसकेे दायरे में आएगा। यह संस्थागत व्यवस्था बड़े स्तर पर नहरी जल योजना को और ज्यादा प्रभावशाली और कारगर ढंग के साथ चलाने के लिए प्रस्तावित की गई है।


एस.पी.वी. की बहु ग्रामीण योजना में वित्त (कुनेक्शनों का प्रबंधन, नये व्यापारिक और औद्योगिक कुनेक्शनों को उत्साहित करना, मीटर रीडिंग, बिलिंग, वसूली, आॅनलाइन भुगतान, गेटवे सेवाओं, वित्तीय लेखा और प्रबंधन, दरों का मुल्यांकन, (विधानक शर्तों), संचार और ग्राहक सेवा (शिकायत निवारण, आई.ई.सी. गतिविधियों, प्रशिक्षण और सामर्थ्य निर्माण, ब्रांडिंग और मार्केटिंग), तकनीकी (जल की गुणवत्ता की निगरानी, गाँव के अंदर सम्पत्तियों के रख-रखाव, ओ.एंड.एम. ठेकेदारों की निगरानी और निरीक्षण) ग्राम पंचायत जल सप्लाई समितियाँ, कलस्टर स्तर समिति और स्कीम स्तर समितियों का समर्थन करना, ऊर्जा कुशलता को उत्साहित करना, सभी हिस्सेदारों के साथ तालमेल) और डाटाबेस और जानकारी प्रबंधन के लिए सहायता, नियमित एम.आई.एस. की जनरेशन और रिपोर्टिंग के कार्यक्षेत्र में एक जरूरी सुविधा के तौर पर कल्पना की गई है।
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