दातारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। 120 साल पहले 6 जुलाई 1901 को कोलकाता में आशुतोष मुखर्जी और जोगमाया देवी मुखर्जी के घर एक ऐसे बच्चे का जन्म हुआ जिसने आजाद भारत में अखंड भारत की मांग रखी आज श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर भाजपा के जिला महामन्त्री सतपाल शास्त्री ने दातारपुर में उक्त चर्चा करते हुए कहां मुखर्जी एक ऐसा व्यक्तित्व जो उस दौर में जब पूरे देश में केवल कांग्रेस ही कांग्रेस होती थी, तब उसकी विचारधारा से इतर ‘भारतीय जनसंघ’ की स्थापना करता है और जिससे आज निकल कर भारतीय जनता पार्टी बनी है।
उन्होंने कहा यही वजह है कि बीजेपी आज भी अपनी पार्टी की विचारधारा को जनसंघ और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी से जोड़कर देखती है. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उन लोगों में गिना जाता है जिन्होंने आजाद भारत में सबसे पहले अनुच्छेद 370 के विरोध में आवाज उठाई थी उनका कहना था कि ‘एक देश में दो निशान दो विधान और दो प्रधान नहीं चल सकते शास्त्री ने कहा बीजेपी के एजेंडे में 370 के हटाए जाने का होना श्यामा प्रसाद मुखर्जी की ही देन ।
उन्होंने कहा डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म कोलकाता के एक अच्छे परिवार में हुआ था. उनके पिता आशुतोष मुखर्जी उस वक्त बंगाल के शिक्षाविद और बड़े बुद्धिजीवी के रूप में जाने जाते थे शास्त्री ने कहा श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपनी ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई कोलकाता से ही की। फिर कोलकाता विश्वविद्यालय से उन्होंने ग्रैजुएशन किया उसके बाद 1926 में सीनेट के सदस्य बन गए. साल 1927 में उन्होंने बैरिस्टरी की परीक्षा पास की और 33 साल की उम्र में ही कोलकाता यूनिवर्सिटी के कुलपति बन गए शास्त्री ने कहा कोलकाता यूनिवर्सिटी में बतौर कुलपति उन्होंने 4 सालों तक काम किया।
इसके बाद वह कांग्रेस के टिकट पर कोलकाता विधानसभा पहुंचे. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जवाहरलाल नेहरू की सरकार में इंडस्ट्री और सप्लाई मंत्रालय का जिम्मा भी संभालते थे, लेकिन वह नेहरू की सरकार में ज्यादा दिनों तक नहीं रहे कुछ समय बाद ही उन्होंने नेहरू पर तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इन सबके बीच जो आज भी सवालों के घेरे में है वह है श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत, जो 23 जून 1953 में हुई थी इस अवसर पर कैप्टन रविन्द्र शर्मा ,बलराम सिंह ,देश राज ,ओंकार चंद उपस्थित थे