मंत्रीमंडल ने मोसुल हादसे के 8 पीड़ितों के वारिसों को गुज़ारा भत्ता देने को दी हरी झंडी

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता अधीन पंजाब मंत्रीमंडल ने सोमवार को साल 2014 में मोसुल (इराक) में मारे गए 27 पंजाबियों में से आठ के पारिवारिक सदस्यों को 10,000 रुपए प्रति महीना गुज़ारा भत्ता देने की कार्य बाद मंजूरी दे दी जो 24 अक्तूबर, 2019 से लागू होगा। मृतकों के माता-पिता से सम्बन्धित सात केस थे और एक केस मोसुल पीड़ित की पत्नी से सम्बन्धित था जो प्रांतीय नीति के अनुसार तरस के आधार पर नौकरी के लिए योग्य नहीं थे। कैबिनेट ने इन पीड़ित परिवारों को उम्र भर के लिए गुज़ारा भत्ता देने की मंजूरी दे दी। गौरतलब है कि दर्दनाक हादसे में 2014 में मोसुल (इराक) में आई.एस.आई.एस. की तरफ से 39 भारतीओं को अगवा कर मार दिया गया था। डी.एन.ए. टैस्ट करने के बाद पंजाब से सम्बन्धित 27 भारतीओं के शरीरों के अवशेषों को 3 अप्रैल, 2018 को अमृतसर लाया गया।यह मृतक आठ जिलों अमृतसर, होशियारपुर, जालंधर, लुधियाना, शहीद भगत सिंह नगर, संगरूर, कपूरथला और गुरदासपुर से सम्बन्धित थे।मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों पर 26 पीड़ित परिवारों को पहले ही मुख्यमंत्री राहत फंड में से 5 लाख रुपए की एक्स ग्रेशिया ग्रांट दे दी थी और रिकार्ड के अनुसार जालंधर के एक पीड़ित का कोई कानूनी वारिस नहीं था।
राज्य सरकार ने इनको 5 लाख रुपए एक्स ग्रेशिया देने के अलावा हर पीड़ित के एक परिवार मैंबर को शैक्षिक योग्यता और सरकारी नीति अनुसार पहले ही रोज़गार दे दिया था।

Advertisements

अमृतसर और कपूरथला के डिप्टी कमीशनरों से मिली सूचना के अनुसार अमृतसर से सम्बन्धित सात केस और कपूरथला से सम्बन्धित एक केस नीति के अंतर्गत कवर नहीं होते थे जहाँ पारिवारिक सदस्यों को तरस के आधार पर नौकरी नहीं दी जा सकती और एक पीड़ित की पत्नी ने नौकरी की पेशकश ठुकराते हुये इच्छा अभिव्यक्त की थी कि यह नौकरी उसके नाबालिग पुत्र (जो अब 11-12 साल का है) को दे दी जाये।कैबिनेट ने उनको 24 अक्तूबर, 2019 से 10,000 रुपए प्रति महीना गुज़ारा भत्ता देने की कार्य बाद मंजूरी दे दी और यह सहमति दी कि पीड़ित परिवारों को उम्र भर के लिए गुज़ारा भत्ता मिलेगा।

पंजाब पीड़ित मुआवज़ा स्कीम 2017 में संशोधन को मंज़ूरी :
पंजाब मंत्रीमंडल ने मेडिकल लापरवाही के कारण एच.आई.वी. पाज़ेटिव ख़ून चढ़ाने के पीड़ितों को मुआवज़ा देने के लिए पंजाब पीड़ित मुआवज़ा (पहला संशोधन) स्कीम-2017 नोटिफिकेशन के मसौदे को भी मंज़ूरी दे दी। यह संशोधन दोषियों से मुआवज़े की रकम की वसूली को भी समर्थ बनाऐगी जिसके लिए सम्बन्धित जिलों के एस.एस.पी. अदालत में आवेदन दाखि़ल करेंगे और फिर प्रॉसीक्यूशन और लिटीगेशन पंजाब के डायरैक्टर केस की पैरवी करेंगे।गौरतलब है कि पंजाब राज कानूनी सेवाएं अथॉरिटी के मैंबर सचिव ने भाई मनी सिंह अस्पताल बठिंडा में एक मरीज़ को एच.आई.वी. पाज़ेटिव ख़ून चढ़ाने का नोटिस लेते हुये पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में एक सिवल रिट्ट पटीशन -पी.आई.एल. नंबर 205/2020 दाखि़ल की थी जिसका शीर्षक पंजाब राज कानूनी सेवाएं अथॉरिटी बनाम पंजाब सरकार और अन्य थी जिसके अंतर्गत मेडिकल लापरवाही से एच.आई.वी. पाज़ेटिव ख़ून चढ़ाने के पीड़ितों को मुआवज़ा देने के लिए पंजाब पीड़ित मुआवज़ा स्कीम, 2017 में संशोधन की माँग की गई थी।राज्य सरकार की तरफ से अलग-अलग अपराधों जैसे कि तेज़ाबी हमला, बलात्कार पीड़ित आदि के पीड़ितों को मुआवज़ा देने के लिए पंजाब पीड़ित मुआवज़ा स्कीम, 2017 लागू की गई थी। पंजाब राज कानूनी सेवाएं अथॉरिटी इस स्कीम के अंतर्गत हासिल फंडों में से पीड़ितों को उपयुक्त मुआवज़ा निर्धारित करती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here