पंजाब राज अनुसूचित जातियां आयोग के दख़ल के बाद नहरी पटवारी ड्यूटी पर बहाल

चंडीगढ़(द स्टैलर न्यूज़): पंजाब राज अनुसूचित जातियां आयोग के समय पर दख़ल के परिणामस्वरुप लंबे समय से परेशानी झेल रही फरीदकोट नहरी मंडल के अधीन काम करती नहरी पटवारी को एक महीने के अंदर -अंदर नौकरी पर बहाल करवाया गया। आयोग की चेयरपरसन तेजिन्दर कौर ने बताया कि शिकायतकर्ता कमलेश कांता, नहरी पटवारी निवासी फरीदकोट द्वारा 22 जुलाई, 2021 को आयोग को शिकायत दी थी कि वह फरीदकोट नहरी मंडल में बतौर रिकॉर्ड कीपर काम कर रही थी। उसे एफ.आई.आर. दर्ज करवा के फसाने की कोशिश की गई हालाँकि पुलिस जांच के दौरान वह बेगुनाह और बेकसूर साबित हुई परन्तु इसके बावजूद उसे नौकरी पर ज्वाइन नहीं करवाया जा रहा। चेयरपरसन ने बताया कि इस मामले पर तुंरत कार्यवाही करते हुये विभाग से 10 दिनों के अंदर रिपोर्ट माँगी थी।

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तेजिन्दर कौर के मुताबिक आयोग द्वारा शिकायत के आधार पर मुख्य इंजीनियर नहरें-1, जल स्रोत विभाग, पंजाब को पत्र लिख कर कहा गया था कि जब अनुसूचित जाति के कर्मचारी को किसी केस में गलत ढंग से फसाया जाता है, जिसमें उसे सज़ा हो सकती हो तो गलत तरीके से फसाने वाले व्यक्ति पर एस.सी /एस.टी. एक्ट लागू हो सकता है। इस तरह विभाग द्वारा केस को जानबुझ कर लटकाने वाले अफ़सर के विरुद्ध भी एस.सी /एस.टी. एक्ट के अधीन ड्यूटी में लापरवाही का दोष लगाया जा सकता है। इसलिए मामले को उक्त रौशनी में विचारा जाये। यदि कोई कानूनी राय ज़रूरी हो तो वह भी विशेष अधिकारी के द्वारा दस्ती मंगवाई जाये क्योंकि मामले में पहले ही अनावश्यक देरी हो चुकी है।

आयोग द्वारा इस केस में योग्य कार्यवाही करने के उपरांत मुकम्मल रिपोर्ट 25 अगस्त, 2021 से पहले-पहले गज़टिड अधिकारी के द्वारा निजी स्तर पर पेश करने के हुक्म दिए गए थे। चेयरपरसन ने बताया कि कार्यकारी इंजीनियर, फरीदकोट नहरी मंडल द्वारा प्राप्त पत्र में बताया गया कि इस मामले में दफ़्तर एस.एस.पी. फरीदकोट से शिकायतकर्ता के मामले की ताज़ा स्थिति संबंधी जानकारी ली जिसमें नहरी पटवारी को बेगुनाह और बेकसूर पाया गया। कार्यकारी इंजीनियर ने लिखा है कि नहरी पटवारी कमलेश कांता को 20 अगस्त, 2021 को दफ़्तर में ड्यूटी पर ज्वाइन करवा लिया गया।

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