उम्मीद योजना ने रोजगार के अवसर जुटाकर महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर

राजौरी (द स्टैलर न्यूज़) रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। केंद्र सरकार की उम्मीद योजना को अपनाकर महिलाएं काफी उत्साहित हैं और महिलाएं इस उम्मीद योजना से आत्मनिर्भर होकर रोजगार को बढ़ावा देने में लगी हैं। खासकर देहात में जो महिलाएं खेतीबाड़ी तक सीमित थी वह महिलाएं भी अब उम्मीद योजना से जुड़ कर इस योजना के तहत छोटे-छोटे सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर रोजगार के अवसर जुटा रही हैं। जिससे इस उम्मीद योजना से न केवल गांव खुशहाल बन रहे हैं बल्कि गांवों मैं रह रही ग्रामीण महिलाओं, युवतियों में भी रोजगार को लेकर काफी खुशी देखी जा रही है।
वहीं पिछले 7 साल से इस उम्मीद योजना से जुड़ कर सैकड़ों युवतियों महिलाओं को उम्मीद योजना के प्रति जागरूक करते हुए उन्हें रोजगार से आत्मनिर्भर बना चुकी पंचायत जिगनी की सीमा कुमारी ने बताया कि जिगनी सहित कोठियां, कुरा, बेरा मरोट, दयाला आदि गांव की सैकड़ों महिलाओं युवतियों को उम्मीद के तहत रोजगार से आत्मनिर्भर बना चुकी हूं और इस उम्मीद योजना के प्रति जागरुक करने का कार्य भी कर रही हूं। सीमा ने बताया कि उम्मीद योजना के तहत सेल्फ हेल्प ग्रुप (शिव) के नाम से मेरे 53 ग्रुप चल रहे हैं और हर ग्रुप में 14 सेंटर हैं।
वहीं उन्होंने बताया कि जो ग्रुप चल रहे हैं उनमें सिलाई, कढ़ाई से लेकर कटिंग टेलरिंग सेंटर तथा बास्केट/ टोकरी बनाना आदि छोटे-छोटे कार्य हैं जिन्हें महिलाएं युवतियां बड़े शौक से करते हुए अच्छा खासा लाभ पा रही है। वहीं उन्होंने यह भी बताया कि उम्मीद के तहत कोई भी छोटे उद्योग के तौर पर अपना कार्य करना चाहता है तो उसे बैंक द्वारा 5 लाख रुपए तक का लोन दिया जाता है, जिसे 1 प्रतिशत ब्याज के साथ चुकाना पड़ता है।

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