देर से उठाया परन्तु स्वागत योग्य कदम: मुख्यमंत्री चन्नी

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने तीन काले खेती कानून रद्द करने संबंधी केंद्र सरकार के फ़ैसले को देर से लिया गया परन्तु स्वागत योग्य कदम करार दिया। मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह फ़ैसला बहुत पहले लिया होता तो कई लागों की कीमती जान बचाई जा सकती थीं। किसानों को भरोसे में लिए बिना यह काले खेती कानून मनमाने ढंग से लागू करने के लिए केंद्र पर दोष लगाते हुए मुख्यमंत्री चन्नी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को रिकार्ड पर यह मान लेना चाहिए कि यह बिल लाकर उसने बहुत बड़ी गलती की है, जो पिछले डेढ़ साल से बिल्कुल भी नहीं झुकी।

Advertisements


बताने योग्य है कि दिल्ली की सरहदों पर और राज्य भर में बेमिसाल किसान संघर्ष में अब तक तकरीबन 700 जानें चली गईं ताकि किसान अपना भविष्य और आने वाली पीढ़ियों के हितों को सुरक्षित रख सकें। मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि इस संघर्ष दौरान लखीमपुर खीरी जैसी घटनाओं ने लोकतंत्र के नाम पर कलंक लगाया और लोग भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को इसके ऐसे बुरे कामों के लिए कभी माफ नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री चन्नी ने आगे कहा कि अब जब प्रधानमंत्री ने इन खेती कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया है तो उन्हें किसानों को उनके जान-माल के बड़े नुक्सान के लिए उपयुक्त मुआवज़ा भी दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री चन्नी ने किसान मोर्चे के दौरान राज्य को वित्तीय और सम्पत्ति के रूप में हुए नुक्सान के लिए भी मुआवज़े की माँग की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहले ही किसानों के पीड़ित परिवारों को सरकारी नौकरियाँ देने के अलावा किसान आंदोलन के दौरान बलिदान देने वाले हर किसान के परिवार को 5 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान कर चुकी है।


मुख्यमंत्री चन्नी ने इसको लोगों की जीत बताते हुए कहा कि किसानों ने मौसम के उतार-चढ़ाव समेत कई कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद अहंकार से भरी केंद्र सरकार का बहादुरी के साथ मुकाबला किया। उन्होंने कहा कि चाहे केंद्र सरकार ने किसानों को परेशान करने, ज़लील करने और निराश करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी परन्तु महान गुरू साहिबानों ने हमें सभी को अन्याय, दमन और ज़ुल्म के विरुद्ध लड़ने का उपदेश दिया है, उनके नक्शेकदम पर चलते हुए किसानों ने अपना संघर्ष निरंतर जारी रखा। मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि यह फ़ैसला किसानों के लम्बे और जोशीले संघर्ष का नतीजा है और इसको इतिहास में सुनहरे शब्दों में लिखा जायेगा। मुख्यमंत्री चन्नी ने प्रधानमंत्री को कर्ज़े के बोझ तले दबे किसानों और मज़दूरों को राहत देने के लिए तुरंत वित्तीय पैकेज का ऐलान करने के लिए भी कहा। उन्होंने केंद्र सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य और किसानों की फसलों की सार्वजनिक खरीद संबंधी अपना रूख भी स्पष्ट करने के लिए कहा।


मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि एक साल से अधिक के लंबे समय के संघर्ष के बाद यह जीत अभिमानी मोदी सरकार के पतन का प्रतीक है और अब उलटी गिनती शुरू हो चुकी है जब लोग इस ज़ालिम सरकार को सत्ता से बाहर करके कांग्रेस पार्टी को फिर से सत्ता में लाएंगे। प्रधानमंत्री और उनकी सरकार का गुणगान करने वाली अकाली और भाजपा लीडरशिप पर तंज कसते हुए उन्होंने पूछा कि वह अब किस मुंह के साथ लोगों के सामने आएंगे। मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि अकाली-भाजपा गठजोड़ और यहाँ तक कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने किसान आंदोलन को कमज़ोर करने के लिए हर संभव कोशिश की परन्तु अंत में यह बुराई पर अच्छाई की जीत है। मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि उनकी सरकार पहले दिन से ही इन कानूनों का ज़ोरदार विरोध करती आ रही है। मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने आंदोलन कर रहे किसानों को हर तरह का समर्थन देने के साथ-साथ इन कानूनों का भी तीखा विरोध किया। मुख्यमंत्री चन्नी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने पंजाब विधानसभा के हाल ही में समाप्त हुए विशेष सत्र में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली अकाली-भाजपा गठजोड़ सरकार द्वारा बनाए गए विवादास्पद कंट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट-2013 को रद्द करने के अलावा इन काले खेती कानूनों को पूरी तरह रद्द कर दिया है। मुख्यमंत्री चन्नी ने आगे कहा कि उन्होंने ख़ुद प्रधानमंत्री के साथ उनके कार्यालय में मुलाकात करके इन कानूनों को वापस लेने के लिए दबाव डाला था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here