नई दिल्ली (द स्टैलर न्यूज़)। लोक सभा में भारी हंगामे के बीच निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक, 2021 को पारित कर दिया गया। यह विधेयक वोटर लिस्ट डेटा को आधार कार्ड से जोडऩे की इजाजत देता है। साथ ही इसमें लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में ‘पत्नी’ शब्द को ‘पति/पत्नी’ शब्द से बदलने का भी प्रस्ताव शामिल था। इस बिल के जरिए वोटर लिस्ट में दोहराव और फर्जी वोटिंग रोकने के लिए वोटर कार्ड और लिस्ट को आधार कार्ड से जोडऩे का प्रावधान शामिल है।
वहीं लोक सभा में कांग्रेस, टीएमसी, एआईएमआईएम, आरएसपी, बसपा जैसे दलों ने इस विधेयक को पेश किए जाने का विरोध किया। कांग्रेस ने विधेयक को विचार के लिये संसद की स्थायी समिति को भेजने की मांग की. कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया और इसके जरिए जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में संशोधन किए जाने का प्रस्ताव सदन में रखा। विपक्षी सदस्यों की आशंकाओं को खारिज करते हुए रिजिजू ने कहा कि सदस्यों ने इसका विरोध करने को लेकर जो तर्क दिये हैं, वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत तरीके से पेश करने की कोशिश है। यह शीर्ष अदालत के फैसले के मुताबिक है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जन प्रतिनिधित्व कानून में संशोधन का प्रस्ताव इसलिये किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई व्यक्ति एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में रजिस्ट्रेशन न करा सके और फर्जी तरीके से वोटिंग को रोका जा सके। रिजिजू ने कहा कि अब तक की व्यवस्था में 18 साल पार होने के बाद भी काफी लोग वोटिंग करने से वंचित रह जाते हैं क्योंकि एक जनवरी को रजिस्ट्रेशन संबंधी एक ही ‘कट आफ’ तारीख होती है और इसमें ही नए वोटरों का रजिस्ट्रेशन होता है। उन्होंने कहा कि अब रजिस्ट्रेशन के संबंध में चार तारीखें होंगी जो एक जनवरी, एक अप्रैल, एक जुलाई और एक अक्टूबर होगी। उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि निर्वाचन सूची अ‘छी हो और ऐसा सभी चाहते हैं। यही वजह है कि आधार कार्ड को वोटर लिस्ट के साथ जोड़ रहे हैं।’ मंत्री के जवाब के बाद सदन ने निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक, 2021 को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।