मुख्यमंत्री चन्नी ने ठेका मुलाजिमों को रेगुलर करने सम्बन्धित फाइल भाजपा के दबाव तहत दबाये रखने के लिए राज्यपाल पंजाब पर साधा निशाना

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के राज्यपाल को ठेका मुलाजिमों की सेवाएं रेगुलर करने सम्बन्धी फाइल को क्लियर करने में जानबुझ कर और अनावश्यक देरी करने के लिए ज़िम्मेदार ठहराते हुये मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज यहां कहा कि राज्यपाल राज्य के संवैधानिक प्रमुख होने के बावजूद आगामी विधान सभा मतदान के मद्देनज़र भाजपा के राजनैतिक दबाव तहत काम कर रहे हैं। पत्रकारों को संबोधन करते हुये मुख्यमंत्री चन्नी ने नये साल की शुभकामनाएँ देने के उपरांत कहा कि मुख्य सचिव और वह (मुख्यमंत्री) ख़ुद इस फाइल को क्लियर करवाने के लिए राज्यपाल को निजी तौर पर मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि पहले उनको यह लगता था कि राज्यपाल कहीं और व्यस्त हुए हैं, परन्तु अब यह बिल्कुल स्पष्ट हो गया है कि उन्होंने जानबुझ कर फाइल दबी हुई है। मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि यह कई कर्मचारियों के भविष्य का मसला है, जो राज्य सरकार में काम करते अपने अन्य साथियों की तरह पक्के होने का दिन का बहुत उत्सुकता से इन्तज़ार रहे हैं।

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मुख्यमंत्री चन्नी ने आगे बताया कि राज्य सरकार ने इन ठेका मुलाजिमों को रेगुलर करने सम्बन्धी रास्ता साफ करने के लिए बहुत ध्यान से सभी रूप-रेखाएं तैयार करने के बाद पंजाब विधान सभा के विशेष सैशन के दौरान यह कानून पहले ही पास कर दिया है। मुख्यमंत्री चन्नी ने बिना किसी झिझक के कहा, ‘ज़रूरत पड़ी तो वह ठेका कर्मियों के जायज हकों की रक्षा के लिए अपने कैबिनेट साथियों और पार्टी विधायकों समेत राज भवन के आगे धरना देने से भी पीछे नहीं हटेंगे।’ इससे पहले मुख्यमंत्री चन्नी ने उनकी सरकार की तरफ से 100 दिनों के दौरान भगवान वाल्मीकि जी, गुरू रविदास जी, भगत कबीर जी, भगवान परशुराम जी, भाई जैता जी (बाबा जीवन सिंह), प्रसिद्ध राजनेता और भारतीय संविधान के रचयिता डॉ. बी. आर. अम्बेडकर और सच्चे सिख श्रद्धालु भाई मक्खन शाह लुबाना जैसी मशहूर शख़्सियतों के नाम पर कई चेयरें स्थापित करने के लिए की प्रमुख लोक-समर्थकी पहलकदमियों के बारे भी बताया। इसके इलावा उन्होंने रामायण, महाभारत और श्रीमद भगवद गीता जैसे तीन महाकाव्यों पर विशेष शोध केंद्र स्थापित करने बारे भी ज़िक्र किया। महान शहीद ऊधम सिंह सुनाम के नाम पर चेयर स्थापित करने के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री चन्नी ने भरोसा दिया कि देश के आज़ादी संघर्ष में इस महान क्रांतिकारी के योगदान को मान्यता देते हुए चेयर स्थापित करने के लिए वह अपेक्षित कार्यवाही यकीनी बनाऐंगे।
बेरोज़गार नौजवानों के लिए रोज़गार के मौकों को बढ़ाने के लिए यत्नों में तेज़ी लाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पहले ही रोज़गार गारंटी स्कीम को लागू करने के आखिरी पड़ाव पर है, इस सम्बन्धी पहले ही रूप-रेखा तैयार की जा चुकी है और जल्द ही इसका ऐलान जल्द ही किया जायेगा। उन्होंने यह भी बताया कि अलग-अलग शहरी स्थानीय इकाईयों में ठेका आधार पर काम करते 4587 सफ़ाई सेवकों और सीवरमैनों की सेवाएं को रेगुलर करने की प्रक्रिया पहले ही जारी है और इस सम्बन्धी नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है। इसी तरह मुख्यमंत्री चन्नी ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने अब 60 करोड़ की लागत से 22,000 आशा वर्करों के लिए 2500 रुपए के निश्चित मासिक भत्ते को मंज़ूरी दी है। जबकि 64.25 करोड़ की लागत से 42500 मिड डे मील वर्करों का पक्का भत्ता भी 2200 रुपए से बढ़ा कर 3000 रुपए प्रति महीना किया गया है।

एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि बेअदबी के मामलों में एसआईटी की तरफ से जांच पहले ही चल रही है और जल्दी से जल्दी इसको तर्कसंगत पड़ाव तक पहुँचाया जायेगा। इसी तरह ड्रग माफिया के सभी दोषियों के साथ कानून अनुसार सख्ती से निपटा जायेगा। श्री दरबार साहिब में बेअदबी के मामले का जिक्र करते हुये मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि उनकी सरकार ने शिरोमणि कमेटी को पहले ही पूर्ण सहयोग की पेशकश की है जो इस मामले की अपने स्तर पर जांच कर रही है।   

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