होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट:ज्योति बंगड़। इंसानियत और पर्यावरण की दुश्मन चाइना डोर पर पाबंदी के बावजूद चंद सिक्कों के लालच में दुकानदारों द्वारा इसकी बिक्री निर्विध्न जारी है। जिसके चलते इंसानी जिंदगियों के साथ-साथ पशु-पक्षीओं और पर्यावरण के लिए खतरा बरकरार है। हर साल ही लोहड़ी व बसंत के आसपास पतंगबाजी के शौकीन इस डोर से पतंग उड़ाते देखा जा सकते हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा इसकी रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाए जाने जरुरी नहीं समझे जा रहे। इतना जरुर है कि हर साल इसकी बिक्री पर पाबंदी लगाने के आदेश जारी करके फर्ज की इतिश्री जरुर कर दी जाती है। लेकिन शहर के मुख्य बाजारों एवं गली-मोहल्लों में स्थित दुकानों पर सरेआम बिक रही इस डोर की पकड़ के लिए व्यापक स्तर पर कोई अभियान नहीं चलाया जाता। जिसके चलते इस डोर के निर्माता एवं बिक्रीकर्ताओं के हौंसले बुलंद हो रहे हैं। आलम यह है कि बाजारों में आम बिक रही इस प्राणघातक डोर पर पूर्ण पाबंदी की मांग को भी न तो सरकारों द्वारा गंभीरता से लिया जा रहा है और न ही जिला प्रशासन ही इस गंभीर समस्या को लेकर सक्रिय दिखाई दे रहा है।
आए दिन इस डोर के कारण कई लोग चोटिल हो रहे हैं तथा जब लोहड़ी एवं बसंत का दिन नजदीक आता है तो इस डोर का उपयोग बढ़ जाता है, जिस कारण तारों एवं चौबारों से लटकती यह डोर किसी भी समय किसी को अपनी चपेट में लेकर उसकी जान जोखिम में डाल सकती है। पता चला है कि दुकानदारों को यह डोर काफी सस्ते भाव मिल जाती है और इसमें मोटा मुनाफा होने के कारण वह इसे पहले ही मंगवाकर स्टोर कर लेते हैं तकि लोहड़ी व बसंत के आगमन के साथ ही इसकी बिक्री करके अपनी जेबें भर सकें। सूत्रों की मानें तो इस समय भी शहर में बहुत सारे दुकानदारों ने लाखों रुपये की प्राणघातक डोर मंगवाकर स्टोर कर रखी है और मुख्य दुकानों के साथ-साथ गली-मोहल्लों में सरेआम बिक रही है। ऐसा नहीं है कि दुकानदारों को इसके घातकपन का पता नहीं है, लेकिन मोटे-मुनाफे के चक्कर में वह इंसानी व पशु-पक्षीओं की जिंदगियों से खिलवाड़ करने में लगे हैं। इसके अलावा इस डोर से पतंग उड़ाने के चक्कर में कई बच्चे भी गंभीर रुप से घायल हो चुके हैं।
बावजूद इसके उनके अभिभावक भी उन्हें इस डोर से पतंग उड़ाने से रोकते नहीं। अगर परिवार वाले ही थोड़े सख्त हो जाएं तो भी इस डोर की बिक्री पर काफी प्रतिबंध लग सकता है। कह सकते हैं कि कहीं न कहीं इसके प्रति अभिभावकों की भी लापरवाही है, जो अपने बच्चे को रोकते नहीं हैं। यहां तक कि कई माता-पिता अपने बच्चे को पतंग लेकर देते हैं तो खुद ही चाइना डोर की मांग करने लगते हैं, ऐसे में इस समस्या का एक ही समाधान दिखाई देता है कि इस डोर के निर्माण एवं बिक्री पर पूर्ण पाबंदी लगाई जाए और इसे बेचने वाले पर हत्या का मामला जैसी सख्त धारा के तहत मामला दर्ज किए जाने का प्रावधान किया जाए। वर्तमान समय में भी होशियारपुर शहर व गांवों में चाइना डोर की बिक्री धडल्ले से जारी है, जिसे रोकने के लिए जिला प्रशासन को सख्त से सख्त कदम उठाने चाहिएं तथा दुकानदारों को जहां इसकी बिक्री से खुद ही तौबा करनी चाहिए वहीं अभिभावकों को भी चाहिए कि वह बच्चों को समझाएं तथा उन्हें चाइना डोर न लेकर दें।