चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब की निवर्तमान 15वीं विधानसभा, जिसका गठन 5 वर्ष पूर्व मार्च, 2017 में हुआ था, उसके सदस्य (विधायक ) इसकी अवधि पूरी होने तक एक भी राज्यसभा सदस्य (सांसद) का निर्वाचन कर देश की संसद के ऊपरी सदन में नहीं भेज पाए हैं जोकि संभवत: देश में पहली बार हुआ है।
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि 15वीं पंजाब विधानसभा, जिसकी पहली बैठक 24 मार्च 2017 को बुलाई गई थी, अंत भारत के संविधान के अनुच्छेद 172 अनुसार उसका पांच वर्षो का कार्यकाल 23 मार्च 2022 तक था। चूंकि 10 मार्च 2022 को 16वीं पंजाब विधानसभा के आम चुनावों के नतीजों बाद नई विधानसभा का गठन हो गया, इसलिए निवर्तमान मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी द्वारा चुनावों में मिली पराजय के बाद उनके पद से त्यागपत्र देने के साथ समयपूर्व ही 15वीं विधानसभा को भंग करने की सिफारिश राज्यपाल से कर दी गई है एवं राज्यपाल उपयुक्त नोटिफिकेशन जारी कर ऐसा कर देंगें।
निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य सभा चुनाव करवाने में विलम्ब से 15वीं पंजाब विधानसभा के सदस्य रह गए मताधिकार से वंचित : एडवोकेट हेमंत
आगामी 9 अप्रैल 2022 को पंजाब से राज्य सभा हेतु मार्च, 2016 में निर्वाचित सभी 5 सांसदों- सुखदेव सिंह ढींढसा, नरेश गुजराल, श्वेत मलिक, प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दुल्लो का 6 वर्षों का कार्यकाल पूर्ण हो जाएगा। हेमंत ने आधिकारिक रिकॉर्ड का अध्ययन कर बताया कि छ: वर्ष पूर्व चुनाव आयोग द्वारा हालांकि 24 फरवरी 2016 को ही पंजाब की उपरोक्त 5 सीटों का चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया गया था एवं 23 मार्च 2016 तक समस्त चुनावी प्रक्रिया भी पूर्ण कर ली गई थी।
हेमंत ने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व कानून (आर.पी.) कानून, 1951 की धारा 12 के अनुसार हालांकि चुनाव आयोग राज्य सभा सीटें रिक्त होने की तिथि से तीन माह पहले तक उन सीटों का निर्वाचन करवाने हेतु निर्धारित नोटिफिकेशन जारी कर सकता है अर्थात इस वर्ष 10 जनवरी 2022 के बाद कभी भी भारतीय चुनाव आयोग पंजाब से राज्य सभा की 9 अप्रैल 2022 को रिक्त हो रही कुल 5 राज्य सभा सीटों के निर्वाचन हेतु चुनावी प्रक्रिया आरम्भ कर सकता था, परन्तु उसने ऐसा नहीं किया। अब इसके पीछे क्या कारण रहे, यह जांच करने योग्य है।
इस बार हालांकि आयोग द्वारा चुनावी कार्यक्रम इसी माह 7 मार्च को जारी किया गया। आगामी 14 मार्च को चुनाव आयोग द्वारा नोटिफिकेशन जारी होगी, 21 मार्च तक नामांकन भरे जाएंगे, 22 मार्च को नामांकन की जांच होगी, 24 मार्च तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे, 31 मार्च को मतदान एवं मतगणना होगी एवं 2 अप्रैल तक ही निर्वाचन प्रक्रिया पूरी हो पाएगी।
16वीं पंजाब विधानसभा के आम चुनावों के नतीजों में आम आदमी पार्टी (आप) ने प्रदेश की कुल 117 विधानसभा सीटों में से 92 अर्थात तीन चौथाई से अधिक सीटें जीती है, हालांकि 15वीं पंजाब विधानसभा में कांग्रेस जिसकी सदस्य संख्या 70 से ऊपर थी अत: वह 4 या संभवत: सभी 5 सीटें भी जीत सकती थी क्योंकि उस विधासभा विपक्ष में आम आदमी पार्टी और अकाली दल के विधायकों में किसी संयुक्त प्रत्याशी पर चुनावी तालमेल होने की सम्भावना न के बराबर थी।
उक्त 15वीं विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या को देखते हुए ऐसा भी संभव हो सकता था कि अगर पांचों सीटों पर केवल कांग्रेस उम्मीदवार उतारती, तो मतदान करवाने की आवश्यकता ही न पड़ती एवं ऐसी परिस्थिति में नामांकन वापसी की अंतिम तिथि को ही रिटर्निंग अधिकारी द्वारा कांग्रेसी उम्मीदवारों को राज्य सभा हेतु निर्वाचित घोषित किया जा सकता था। नव गठित 16 वीं पंजाब विधानसभा में तो निश्चित तौर पर सभी सीटें आप पार्टी ही जीतेगी।
हेमंत ने बताया कि प्रदेश में 5 सीटों के लिए एक साथ नहीं बल्कि 3 और 2 सीटों के लिए अलग -अलग चुनावी नोटिफिकेशन जारी कर राज्य सभा चुनाव करवाया जाएगा क्योंकि उक्त सीटों अलग-अलग द्विवार्षिक चुनावी- चक्र की हैं। जून, 1987 में पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था जिस कारण अप्रैल, 1988 में रिक्त हुई 3 राज्य सभा सीटों और अप्रैल, 1990 में खाली हुई अन्य 2 राज्य सभा सीटों हेतु चुनाव नहीं करवाया जा सका था क्योंकि तब पंजाब में विधानसभा ही मौजूद नहीं थी। बहरहाल, इसी वर्ष जुलाई, 2022 में पंजाब से राज्यसभा की 2 सीटें और रिक्त होंगी एवं विधानसभा में बहुमत कारण वह भी आप जीतेगी जिस कारण राज्यसभा में आप की सदस्य संख्या बढक़र 10 हो जाएगी।