होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: समीर सैनी। दशहरा एवं दीपावली का त्योहार आने पर शहर में जहां कई प्रकार के लोग व्यापार करने के लिए पहुंचते हैं वहीं कुछ ऐसे लोग भी सक्रिय हो जाते हैं जो हृष्ट-पुष्ट होते हुए भी बहरुपीये की भूमिका में घर-घर व दुकान-दुकान घूम कर लोगों से पैसों की उगाही करते हैं। इन दिनों शहर में कई ऐसे लोगों को घूमते देखा जा सकता है। ऐसे लोग जहां अलग-अलग सवांग रचाकर लोगों से श्रद्धानुसार पैसे ले लेते हैं वहीं इनमें शामिल कुछ लोगों ने इसे अच्छी खासी कमाई का धंधा बना लिया है।
गांव बस्सी गुलाम हुसैन में हाल ही में दो व्यक्तियों ने पुलिस की वर्दी में घर-घर घूमकर लोगों से श्रद्धानुसार नहीं बल्कि अपनी मर्जी से 100-200 रुपये की उगाही की तथा उन्होंने इसके लिए थाना सदर एवं सरपंच द्वारा मोहर लगे कागज को हथियार बनाया। जिसे देख लोग भ्रमित हो गए और उन्होंने उनहें मुंह मांगे पैसे दे दिए कि श्री राम लीला के लिए उगाही करने आए हैं, जिसके लिए उन्हें थाना सदर व सरपंच ने मोहर लगाकर प्रमाणित भी किया है। खुद को असली पुलिस वाला बताकर उक्त व्यक्तियों द्वारा उगाही किए जाने से गांव निवासियों में खासा रोष भी है तथा उन्हें इस बात का मलाल भी है कि आखिर पुलिस व सरपंच ने उन्हें ऐसा करने की इजाजत कैसे दे दी।
गांव निवासी ध्यान सिंह, तरलोचन सिंह तथा तरसेम सिंह ने बताया कि एक दिन पहले बहरुपीये सुबह करीब 10 बजे गांव में घूमकर उगाही कर रहे थे कि जब उनसे पूछा गया कि वे किस बात की उगाही कर रहे हैं तो उन्होंने थाना सदर व सरपंच द्वारा मोहर लगा कागज दिखाया और कहा कि वे श्री राम लीला की उगाही कर रहे हैं, जिसकी इजाजत उन्होंने पुलिस व सरपंच से ली है। कागज पर पुलिस व सरपंच की मोहर लगी देख व उन्हें पुलिस की वर्दी में देख लोगों ने उन्हें पैसे देने शुरु कर दिए। बहरूपीये गांव में अधिकतर घरों से उगाही करने के बाद वहां से निकल गए और जब लोगों को इस बात का पता चला कि वे पुलिस वाले नहीं बल्कि बहरुपीये थे तो वे अपना माथा पीटने लगे।
इस संबंध में थाना सदर में संपर्क करने पर पता चला कि वे बहरुपीये थे और उनके पास पहले भी कई पंचायतों से जारी किए गए प्रमाणपत्र थे को देख कर उन्होंने भी उन्हें प्रमाणित किया था कि वे बहरुपीये के तौर पर मांगते हैं। जब पुलिस से पूछा गया कि क्या उन्होंने बहरुपीयों का कोई पहचानपत्र रखा है तो पुलिस ने टालमटोल कर दिया, जिससे लग रहा था कि पुलिस ने भी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया।
दूसरी तरफ सरपंच प्रेम भारद्वाज से बात करने पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि बहरुपीये लोगों से इस प्रकार उगाही करेंगे। उन्होंने बताया कि बहरुपीयों में से एक का नाम भारत भूषण था तथा उनके पास अन्य गांवों के सरपंचों की मोहर लगे कागजात देखने उपरांत ही उन्होंने मोहर लगाकर गांव में जाने की आज्ञा दी थी। उन्होंने कहा कि उन्हें खेद है कि वे ऐसा करके गए। भविष्य में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि कोई भी व्यक्ति गांव में मनमर्जी से उगाही न कर सके।