चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज ऑल इंडिया साइकिल मैनूफैकचरज़ एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को भरोसा दिलाया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार साइकिल, इसके पुर्जों और कच्चे माल पर जीएसटी की दर को 5 प्रतिशत तक घटाने के लिए जी. एस. टी कौंसिल के समक्ष उनका पक्ष पेश करेगी। साइकिल उद्योग के प्रतिनिधियों, जिन्होंने आज यहाँ पंजाब के वित्त मंत्री के साथ उनके दफ़्तर में मुलाकात की, ने उनको अवगत करवाया कि विश्व स्तर पर मुकाबले के मद्देनज़र साइकिल उद्योग को 12 प्रतिशत की उच्च जी.एस.टी. दर के कारण मुश्किल दौर का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि साइकिल पर अधिक जी. एस. टी दर के साथ बाज़ार में बेनामी कंपनियों का विस्तार होता है जिससे कर चोरी भी बढ़ जाती है।
ई-साइकिल और पैडल साइकिल पर जीएसटी दर की असमानता का जिक्र करते हुये प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि जुलाई, 2019 में भारत सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक साइकिलों की माँग पैदा करने के लिए इस पर 5 जीएसटी तय की गई थी। हालाँकि, जी. एस. टी दर के मामले में पैडल साइकिल भी ई- साइकिल के साथ समानता की हकदार है क्योंकि 80 प्रतिशत से अधिक साइकिलों की कीमत 2500 से 5000 रुपए के बीच है और ज़्यादातर आम लोग रोज़ाना आने-जाने के लिए इसका प्रयोग करते हैं।
साइकिल को ‘आम लोगों की सवारी’ और साइकिल उद्योग को ‘लुधियाने की रीढ़ की हड्डी’ बताते हुये वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार साइकिल उद्योग और आम लोगों के हितों की रक्षा के लिए जीएसटी कौंसिल में अपना पक्ष ज़ोरदार ढंग से पेश करेगी क्योंकि आम आदमी के लिए साइकिल सिर्फ़ सफ़र करने का साधन नहीं बल्कि अपनी रोज़ी-रोटी कमाने का साधन है। मीटिंग में कराधान कमिशनर कमल किशोर यादव, वित्त सचिव गुरप्रीत कौर सपरा, हीरो साइकिल के सी. ई. ओ आदित्या मुंजाल, एवन साइकिल के डायरैक्टर मनदीप पाहवा और टीआई साईकलज़ ऑफ इंडिया के हैड सोर्सिंग गजेंदर कुमार उपस्थित थे।