जम्मू (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है लेकिन आतंकी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। आतंकियों ने शोपियां में एक कश्मीरी पंडित की गोली मारकर हत्या कर दी है। इससे पहले भी आतंकी कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाते रहे हैं। आतंकियों ने कृष्ण भट को उस वक्त गोली मारी जब वह चौधरी गुंड में बाग की तरफ जा रहे थे। घायल को फौरन अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। इलाके की घेराबंदी कर दी गई है। सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। आतंकी एकाएक कश्मीरी पंडितों व बाहरी राज्यों के हिन्दू मजदूरों को निशाना बनाकर नुकसान करने में लगे हुए है।
पूरण कृष्ण भट्ट के रिश्तेदारों का कहना है कि भट्ट के परिवार ने 90 के दशक में जब कश्मीरी पंडितों को घाटी छोडऩे के लिए मजबूर किया गया था, तब भी पलायन नहीं किया था। भट्ट के दो बच्चे हैं। बेटी 7वीं में और बेटा 5वीं क्लास में पढ़ता है। घाटी में बढ़ रही हत्याओं की वजह से भट्ट अपने घर से बाहर भी नहीं निकलते थे, घर के अंदर ही रहते थे। उन्होंने बताया- इस घटना के बाद हम सभी बहुत डरे हुए हैं। शव को अंतिम संस्कार के लिए जम्मू रेफर कर दिया गया। मृतक के रिश्तेदारों व कुछ सरकारी मुलाजिमों ने एलजी सिन्हा के खिलाफ नारेबाजी कर गुस्सा जाहिर किया और कहा कि जम्मू कश्मीर प्रशासन सुरक्षा देने में विफल साबित हुआ है। कुर्सी की लालच के चलते कश्मीरी पंडितों व कश्मीर में कार्य करने बाले हिंदू , मजदूरों को मारा जा रहा है। सरकारी मुलाजिमों ने कहा कि प्रशासन हमें जबरन मरने के लिए कश्मीर में सेवा देने के लिए भेज रही है। जान है तो जहान है। जबतक एलजी जम्मू कश्मीर हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी नहीं लेते तबतक हम आतंक ग्रस्त क्षेत्र कश्मीर में सेवा नहीं देंगे।
टारगेट किलिंग के बाद भी नहीं छोड़ी थी घाटी
केंद्र की भाजपा सरकार में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। झूठे दावे न कर आतंकियों का सफाया किया जाए। घटना के उपरांत कश्मीर खासकर खोफ का माहौल बना हुआ है। वहीं आतंकग्रस्त प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की जड़ों को खत्म करने के लिए हालही में बड़ी कार्रवाई की गई थी। यहां आतंकवाद से संबंधित होने की वजह से 5 सरकारी कर्मचारियों को उनकी सेवाओं से बर्खास्त कर दिया गया था। ये लोग नार्को-टेरर सिंडिकेट चलाने और आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए प्रतिबंधित संगठनों की सहायता करने के मामलों में शामिल थे। बता दें कि सरकार उन सभी लोगों को गंभीरता से ढूंढ रही है, जिनका किसी भी तरह से आतंकियों से कोई कनेक्शन है। जिन 5 लोगों के खिलाफ ये कार्रवाई हुई है, उनके नाम तनवीर सलीम डार, अफक अहमद वानी, इफ्तिखार अद्राबी, इरशाद अहमद खान, अब्दुल मोमिन पीर है। इसमे तनवीर जे एंड के पुलिस में कॉनस्टेबल के रूप में सेवाएं दे रहा था। अफक अहमद वानी बारामूला सेंट्रेल कॉपरेटिव बैंक में मैनेजर था और इफ्तिखार अद्राबी बीडीओ ऑफिस में प्लांटेशन सुपरवाइजर के रूप में काम कर रहा था और बाद में विलेज लेवल वर्कर बन गया था। वहीं इरशाद अहमद खान जल शक्ति विभाग में सेवाएं दे रहा था और अब्दुल मोमिन पीर पीएचई सबडिवीजन में असिस्टेंट लाइनमैन के रूप में सेवाएं दे रहा था।