भाजपा ही भाजपा की दुश्मनः पार्टी उम्मीदवार को लेकर नहीं मिल रहे भाजपाईयों के सुर

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), संदीप डोगरा। भाजपा द्वारा घोषित किए गए उम्मीदवार की घोषणा अभी तक कई भाजपाईयों के गले नहीं उतर रही है तथा अधिकतर कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी किसी न किसी तरीके से उम्मीदवार के खिलाफ पार्टी के प्रति अपनी भड़ास निकलने में लगे हैं। पिछले कुछ दिनों से भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा बनाए गए वाट्सएप ग्रुप्स में मैसेज के माध्यम से कई कार्यकर्ता पार्टी के फैसले की विरोध दर्ज कर चुके हैं तथा शाम चौरासी से नगर कौंसिल के पूर्व प्रधान भगत राम ने भी मैसेज डालकर पार्टी के प्रति नाराजगी जताई थी कि सिटिंग एमपी पार्टी वियरर का फोन तक नहीं उठाते। इतना ही नहीं संगठित रहें सुरक्षित रहें नाम से बने एक ग्रुप में एक कार्यकर्ता ने डाला है कि भाजपा ही भाजपा की दुश्मन है तथा एमपी टिकट से कार्यकर्ता काफी नाराज हैं, जुसका लाभ दूसरी पार्टी को मिलेगा। इस मैसेज को भी कई कार्यकर्ताओं द्वारा लाइक करते हुए अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी गई है।

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अंदर खाते चर्चा है कि भले ही पार्टी के बड़े नेता पूर्व मंत्री विजय सांपला को मनाने के दावे कर रहे हों और उनके निवास पर पहुंचकर पार्टी उम्मीदवार के हक में चलने की बात करते हों, मगर उनके समर्थक किसी भी कीमत में उम्मीदवार के साथ चलना नहीं चाहते। जिससे साफ है कि अगर नाराजगी दूर न हुई तो मोदी लहर के होते हुए भी पार्टी उम्मीदवार के लिए राह आसान नहीं होगी। पार्टी कार्यकर्ता खुली जुबान में तो नहीं बोल रहे, पर सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से मोदी के नाम का तो प्रचार कर रहे हैं, लेकिन पार्टी उम्मीदवार अनीता सोम प्रकाश का विरोध भी जता रहे हैं, जिससे कहा जा सकता है कि मोदी का समर्थन करके पार्टी में छवि को साफ बनाए रखना चाहते हैं और दूसरी और पार्टी उम्मीदवार को हार की तरफ अग्रसर करके पार्टी को कमजोर उम्मीदवार दिए जाने के एहसास करवाना चाहते हैं। पता चला है कि विरोधी सुरों के चलते कई कार्यकर्ताओं ने अपने आका के इशारे पर आम आदमी पार्टी एवं कांग्रेस उम्मीदवार को अंदर खाते समर्थन करना भी शुरु कर दिया है। जिसके चलते भाजपा उम्मीदवार की राहें आसान नहीं दिख रही हैं।

भाजपा के वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को डर है कि अगर यही हालात रहे तो भाजपा के लिए यहां के परिणाम विपरीत भी रह सकते हैं। क्योंकि, पिछले 5 साल में सांसद सोम प्रकाश जहां मीडिया के साथ मधुर संबंध बनाए रखने में नाकामयाब ही माने जा रहे हैं वहीं गुटबाजी के चलते कई नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से भी उनकी दूरी उनके लिए इस समय में काटों भरी राह का तोहफा दे रही है।

वर्तमान स्थिति की बात करें तो टिकट घोषित होने के इतने दिन बाद भी अनीता सोम प्रकाश द्वारा मीडिया से रूबरू होकर हलके के लिए अपना विज़न नहीं बताया गया है, जिस कारण आम लोगों को जानकारी ही नहीं है कि आखिर वह क्या सोचकर चुनाव मैदान में उतरी हैं। यह भी चर्चा है कि सोम प्रकाश जोकि एक आईएएस अधिकारी रहे हैं के द्वारा आम जनता के साथ अधिकारियों वाला ही रवैया रखा गया था और यह चर्चा और कोई नहीं बल्कि भाजपा कार्यकर्ताओं के मुंह से ही सुनने को मिलती रही है। इसके अलावा उनके एक पीए के व्यवहार को लेकर भी कार्यकर्ता नाराजगी जताते रहे हैं। जिसे बदलना या उसके व्यवहार को दुरुस्त करना उनके द्वारा जरुरी नहीं समझा गया। मोदी लहर के चलते वह जीत तो गए थे, परन्तु वर्तमान में स्थिति क्या रहती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा। राजनीतिज्ञों की माने तो उनका कहना है कि अगर हालात यह रहते हैं तो भाजपा के लिए समय अच्छा नहीं कहा जा सकता और इसका सीधा लाभ आप व कांग्रेस के उम्मीदवार को होना लगभग तय है तथा इस समय प्रदेश में आप की सरकार एवं आप उम्मीदवार को इसका अधिक लाभ होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। क्योंकि, आप उम्मीदवार डा. राज के कुशल व्यवहार और मिलनसार स्वभाव के चलते पहले ही उनका ग्राफ सबसे ऊपर माना जा रहा है तथा 2014 में चुनाव लड़ चुकी यामिनी गौमर को कांग्रेस ने उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतार दिया है।

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