वोट मांगने आए प्रतिनिधियों से सवाल पूछेंगे कर्मचारी…?

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर पंजाब के कर्मचारियों में पंजाब सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश है। लोकसभा चुनाव के मौके पर कर्मचारियों खासकर 2004 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों ने अपने घरों के सामने पोस्टर लगाकर हर राजनीतिक दल को सीधा संदेश दिया कि हमारा वोट उसी को जाएगा जो पुरानी पेंशन बहाल करेगा। गवर्नमेंट टीचरज़ यूनियन पंजाब के जिला प्रधान प्रिंसिपल अमनदीप शर्मा और पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष समिति के जिला कनवीनर संजीव धूत ने इस संबंध में एक प्रचार पोस्टर जारी किया और कहा कि पंजाब में पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान कर्मचारी वर्ग ने बड़ी संख्या में मतपत्रों का उपयोग करके अपना वोट डाला और सरकार बनाई। दो साल पहले भगवंत मान सरकार ने भी पुरानी पेंशन बहाली को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया था, जो सफेद हाथी साबित हुआ।

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पिछली सरकारों के राजनीतिक दल अपने मौखिक वादों से मुकरते रहे हैं, लेकिन भगवंत मान सरकार पंजाब के इतिहास में पहली सरकार है जिसकी लिखित अधिसूचना लागू नहीं हो सकी। इस संबंध में पंजाब का समूह मुलाजिम वर्ग सड़कों पर रहा और विभिन्न रैलियां कीं, बीते समय जब भी कोई रैली होती, रैली करने के बाद सरकार द्वारा बैठक का समय दिया जाता था,लेकिन बिना तैयारी के मंत्री बैठक में बैठे रहते और समय गुजारने तक ही सीमित रहते। राज्य सरकारों के अपने-अपने अधिकार हैं, प्रत्येक राज्य सरकार कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और पेंशन खुद तय करती है। लेकिन पंजाब की यह पहली सरकार है जो इतनी कमजोर हो गई है कि अपने फैसले पर अमल नहीं कर पाई। पंजाब सरकार केंद्र द्वारा एनपीएस में किए जा रहे संशोधन पर अपनी नजरें गड़ाए बैठी है और मुलाजिम पक्षीय फैसले लेते समय केंद्र के सामने घुटने टेकती नजर आ रही है।

“दो साल बाद भी पुरानी पेंशन बहाल क्यों नहीं हुई?” यह रहेगा मुख्य सवाल

मुलाजिम वर्ग को पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार से हमेशा निराशा हाथ लगी है, जहां केंद्र सरकार पेंशन के मुद्दे पर कमेटियों के गठन तक ही सीमित रही है, वहीं प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भ्रामक संदेश दिया जा रहा है कि अगर किसी राज्य ने पुरानी पेंशन बहाल की तो देश की अर्थव्यवस्था नष्ट ही जायेगी,जबकि केंद्र सरकार द्वारा कॉरपोरेटों के करोड़ों बैंक ऋण महज घोषणा मात्र से माफ कर दिए जाते हैं। कुछ पड़ोसी राज्यों ने पुरानी पेंशन लागू कर मजबूत एवं अनुभवी सरकार होने का उदाहरण प्रस्तुत किया है। संगठन के सदस्यों ने पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष समिति के बैनर तले वोट मांगने आने वाले प्रतिनिधियों को घरों के सामने पोस्टर लगाकर उनसे तीखे सवाल पूछने का भी निर्णय लिया है।इस मौके पर जी टी यू के के नेता सुनील शर्मा, उपिंदर सिंह लेक्चरर, प्रितपाल सिंह चौटाला, संजीव धूत, विकास शर्मा, सचिन कुमार, दविंदर सिंह, प्रिंसगढ़दीवाला, सरबजीत सिंह, विकास अरोड़ा, प्रभजोत सिंह, राज कुमार, संदीप कुमार, रणवीर सिंह, सुनील गांधी, संजीव कुमार आदि मौजूद रहे।

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