अमृतसर (द स्टैलर न्यूज़)। भाजपा की वरिष्ठ नेत्री लक्ष्मीकांता चावला ने कहा है कि आजादी के 75 वर्ष बाद आज जो हालत हो गई है कि हमारे विद्यार्थी उन शहीदों को जिन्होंने आजादी लेकर दी, उन शहीदों को जो सीमा की रक्षा करते हुए शहीद हुए और उन शहीदों को जिन्होंने आतंकवाद से लड़ाई लड़ी, लगभग भूल गए हैं।
हालत तो यह है कि वीर हकीकत राय और मदनलाल ढींगरा भी नई पीढ़ी की याद से उतर गए हैं। बहुत वर्ष पहले मैंने पंजाब सरकार से अपील की थी कि शिक्षा के पहले दस वर्ष पंजाब के शहीदों को सेलेबस में शामिल किया जाए और उसके बाद दूसरे प्रांतों के शहीदों का जीवन परिचय पढ़ाया जाए जिन्होंने देश के लिए जीवन दिया, सर्वस्व अर्पण किया। हमारे बच्चे यह जानते भी नहीं कि एक बहुत बड़ी संख्या में हिंदुस्तान की बेटियों ने अंग्रेज की गोलियां भी खाईं। मौत के मुंह में भी धकेली गईं और हथियार देकर दुश्मन से लोहा भी लिया। कितना अच्छा हो कि पाठ्यक्रम में देश के बलिदानी बेटे बेटियों का एक अलग ही पेपर बने और बच्चे यह जान लें कि किनकी कुर्बानी के कारण देश आजाद हुआ है और उन्हें याद रखना हमारा धर्म हैं।