होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। डिफेंस कमेटी के पूर्व चेयरमैन कमल चौधरी ने केंद्र सरकार द्वारा झारखंड के पारसनाथ स्थित जैन तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर पर पर्यटन और इको टूरिज्म एक्टिविटी पर रोक लगाने के फैसले को सराहनीय कदम बताते हुए इसे जैन समाज की भावनाओं का सम्मान बताया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 3 साल पहले जारी किया अपना नोटिफिकेशन वापस ले लिया है तथा एक निगरानी समिति बनाई है जो इको सेंसेटिव जोन की निगरानी करेगी। श्री चौधरी ने कहा कि अब झारखंड सरकार को भी जैन समाज की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। राज्य सरकार को अब सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र से बाहर करने की अधिसूचना को रद्द करना होगा।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार सम्मेद सहित जैन समाज के सभी धार्मिक स्थानों पर उनके अधिकारों की रक्षा और संरक्षण के लिए हमेशा की तरह प्रतिबद्ध रहेगी। श्री चौधरी ने कहा कि अब इस स्थान पर शराब, ड्रग्स तथा मांसाहारी पदार्थ नहीं बेचे जा सकेंगे। इसके अलावा अनाधिकृत कैंपिंग भी नहीं की जा सकेगी और उन सारी गतिविधियों पर रोक लगेगी जिनसे जल स्रोत, गुफाओं और मंदिरों को नुकसान पहुंचता हो। श्री चौधरी ने कहा कि सम्मेद शिखर का जैन समाज में बहुत महत्व है क्योंकि इसमें जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने यहां मोक्ष प्राप्त किया और भगवान पाश्र्वनाथ ने भी जहां पर निर्वाण प्राप्त किया। श्रद्धालु जंगलों पहाड़ों के दुर्गम रास्तों से गुजरते हुए कई किलोमीटर की यात्रा तय कर इस शिखर पर पहुंचते रहे हैं। श्री चौधरी ने कहा कि जैन समाज ने हमेशा ही देश की तरक्की में अहम योगदान डाला है, इसलिए केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसले की जितनी सराहना की जाए कम है।