अमृतसर (द स्टैलर न्यूज़)। भाजपा की वरिष्ठ नेत्री लक्ष्मी कांता चावला ने कहा है कि रिगो ब्रिज आधी सदी से ज्यादा समय से असुरक्षित घोषित किया गया है और उसका समय समाप्त हो चुका है, यह जनता को बताया जा रहा है, पर आज तक उसका कोई वैकल्पिक प्रबंध नहीं किया गया। पुलिस का जब मन चाहता है तभी यह पुल बंद कर देते हैं। मरम्मत नहीं करते और न यह सोचते हैं कि रिगो ब्रिज पर आवाजाही बंद करने से शहर के लोग किस रास्ते से अपने कामकाज के लिए शहर के अंदर जाएंगे। अटारी, छेहरटा, पुतलीघर से आने वाले लोगों को शहर से जोड़ने के लिए यही एक पुल है।
इसको बंद कर देने से केवल भंडारी पुल ही शहर में जाने के लिए बचता है, पर वहां कितना जाम लगता है, इसकी किसी को चिंता नहीं। पिछली सरकारों ने कागजों में तो कई योजनाएं बनाईं, लेकिन रिगो ब्रिज को न तो मरम्मत करवाया गया और न ही इसके स्थान पर नया पुल बनाया गया। सरकारी लापरवाही और नालायकी का यह प्रभाव है कि 22 नंबर फाटक के निकट बन रहा पुल कई वर्षों से जनता के लिए परेशानी तो पैदा कर रहा है, पर पुल आज तक नहीं बना। कौन जवाब देगा कि यह पुल क्यों नहीं बना और जनता की मुश्किलों के लिए कौन जिम्मेवार है। बड़े—बड़े अधिकारियों को तो शहर में कम आना पड़ता है। सबके कोठी बंगले सिविल लाइन में हैं, लेकिन शहर के नागरिकों को इस रास्ते का प्रयोग करना ही है। अब बड़े—बड़े पत्थर लगाकर रिगो ब्रिज तो बंद कर दिया, लेकिन लोग कहां जाएं इसका कोई उत्तर नहीं दिया।
अच्छा होता कि पुल बद करने के स्थान पर ट्रैफिक पुलिस मानीटरिंग करें और एक बार से एक तरफ गाड़ियों को जाने दे। 22 नंबर फाटक का पुल जल्द तैयार करे। हम आजाद देश के नागरिक हैं, कोई बंधुआ मजदूर नहीं कि सरकारें जब चाहें, जिधर चाहें धकेल दें।