श्री दुर्ग्याणा कमेटी ने श्रद्धाभाव से मनाया वीर हकीकत का बलिदान दिवस

अमृतसर (द स्टैलर न्यूज़)। धर्म की खातिर प्राण न्यौछावर करने वाले वीर हकीकत का बलिदान दिवस श्री दुर्ग्याणा कमेटी द्वारा श्रद्धाभाव से मनाया गया। इस मौके पर श्री दुर्ग्याणा कमेटी की अध्यक्ष प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने विद्यार्थियों को वीर हकीकत के जीवन से परिचित करवाया। उन्होंने कहा कि वीर हकीकत सन 1719 में पैदा हुआ और 1734 की बसंत पंचमी के दिन उसने अपने पवित्र रक्त से हिंदुत्व को श्रद्धांजलि दी।

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पठानकोट के स्यालकोट में अब पाकिस्तान 1719 में हकीकत राय के पिता भागमल व्यापारी थे। हकीकत की प्रतिभा से प्रभावित मदरसे के मौलवी इसे बहुत प्यार करते। उसके सहपाठियों को यह सहा नहीं जाता था। एक दिन अनवर और रशीद नामक सहपाठियों ने हकीकत के साथ झगड़ा किया। जब हकीकत ने अपनी बात कहने के लिए मां भवानी की शपथ ली तो उसे यह कहा गया कि कौन है तुम्हारी मां? पत्थर की मूर्ति, उसे हमें सड़क पर फेंक कर पैरों से रौंद देंगे।

हकीकत ने केवल इतना कहा कि तुम मां भवानी को गाली देते हो, मैं भी फातिमा बीबी को ऐसे शब्द कहूं तो तुम्हें कितना बुरा लगेगा। इसे बाद हकीकत का काजी के आगे पेश किया गया। काजी ने एक ही बात कही— इस्लाम स्वीकार करे हकीकत या मौत के लिए तैयार रहे। हकीकत ने बड़ी दृढ़ता से जवाब दिया और यह कहा धर्म पर मर मिटूंगा मैं, धर्म ही मुझको प्यारा है।

प्रो. चावला ने कहा कि यह अफसोस की बात है कि आज की युवा पीढ़ी वीर हकीकत के बारे में नहीं जानती। श्री दुर्ग्याणा कमेटी इस वीर की जीवनगाथा से जन जन को परिचित करवाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इस मौके पर श्री दुर्ग्याणा कमेटी के महासचिव अरुण खन्ना, श्री हनुमान मंदिर कमेटी के चेयरमैन डा. राकेश शर्मा, सुधीर श्रीधर, पवन कुंदरा, माला चावला, प्रिंसिपल प्रोमिला कपूर, विधु पुरी, विमल अरोड़ा, विजय खन्ना, किशोर चड्ढा, डा. शाम महाजन, अनिल पाठक व विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थी उपस्थित थे। इस मौके पर प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया।

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