कृषि मंत्री द्वारा कृषि संबंधी मसलों और कृषि नीति सम्बन्धी भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने पंजाब के कृषि संबंधी मसलों और नई कृषि नीति सम्बन्धी भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहाँँ) के साथ विचार-विमर्श किया। पंजाब भवन, चंडीगढ़ में हुई इस बैठक में भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहाँँ) के प्रतिनिधि जोगिन्दर सिंह उगराहाँँ, सुखदेव सिंह कोकरी और झंडा सिंह ने सरकार को कृषि नीति सम्बन्धी सुझाव दिए। उन्होंने तीन मुख्य उद्देश्यों की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि ज़मीन और कृषि यंत्रों का असमान वितरण ख़त्म किया जाए, सूदखोरी का ख़ात्मा किया जाए और कृषि से संबंधित तीन मुख्य संसाधन पानी, ज़मीन और मानव संसाधन का सर्वांगीण विकास किया जाए। भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधियों ने 39 नुक्ते सरकार के सामने रखते हुए, इन मसलों का हल करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों की कमज़ोर इच्छा-शक्ति के कारण पंजाब गहरे कृषि संकट से जूझ रहा है।  
कृषि मंत्री स. कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि ‘आप’ सरकार पूरी तरह से पंजाब हितैषी कृषि मॉडल लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसलिए पहले साल ही पंजाब की कृषि नीति तैयार करने के लिए काम शुरू कर दिया गया है, जिसको दृढ़ इच्छा-शक्ति से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब के पानी, बिजली, कीटनाशक, खाद पर नियंत्रण और कृषि क्षेत्र आदि लगभग सभी कृषि मसले पंजाब सरकार के अधिकार क्षेत्र में हैं।  
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि यूनियन द्वारा सुझाए कए मामले पंजाब कृषि नीति की समिति द्वारा विचारे जाएंगे और इसका प्रारूप विचार-विमर्श के लिए आम लोगों के साथ साझा किया जाएगा। इसी कड़ी में पहले भी सरकार- किसान मिलनी के दौरान लगभग 8500 किसानों के सुझाव कृषि नीति के लिए लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने बासमती के में 10 कीटनाशकों पर पाबंदी लगाकर पंजाब की बासमती का अंतरराष्ट्रीय मंडी के लिए रास्ता खोला है, जिस कारण किसानों का सीधा फ़ायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि पंजाब की कृषि नीति का प्रारूप 31 मार्च 2023 तक पंजाब के लोगों के समक्ष रखा जाएगा, जिससे पंजाब हितैषी कृषि मॉडल लागू करते हुए पंजाब के किसानों की आर्थिक हालत को सुधारा जा सके।  
इस बैठक में पंजाब सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुमेर सिंह गुर्जर, सचिव कृषि स. अर्शदीप सिंह थिंद, डायरैक्टर कृषि पंजाब डॉ. गुरविन्दर सिंह, पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी लुधियाना के उप-कुलपति डॉ. सतवीर सिंह गोसल और पंजाब राज्य किसान एवं कृषि कामगार आयोग के चेयरमैन सुखपाल सिंह और ओ.एस.डी. डॉ. दविन्दर तिवाड़ी उपस्थित थे। 

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