मौजूदा बजट बाग़बानी क्षेत्र के लिए बड़े बदलाव का गवाह बनेगा: जौड़ामाजरा

चंडीगढ़, (द स्टैलर न्यूज़)। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने किसानों की आमदन में वृद्धि करने और फ़सलीय विभिन्नता लाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में 2023-24 बजट में बाग़बानी क्षेत्र के लिए ताज़ा घोषणा में इस क्षेत्र के लिए 253 करोड़ रुपए अलॉट किए गए हैं, जोकि पिछले बजट की अपेक्षा दोगुने हैं। इसमें लुधियाना, गुरदासपुर, पटियाला, बठिंडा और फरीदकोट जि़लों में 5 नई बाग़बानी अस्टेटें विकसित करने के लिए 40 करोड़ रुपए शामिल हैं। यह बजट किसानों के प्रति सरकार की वचनबद्धता को दिखाता है। मान सरकार द्वारा इस बजट में खेतबाड़ी, बाग़बानी क्षेत्र के लिए विशेष ध्यान दिया गया।  

Advertisements

इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए फूड प्रोसेसिंग मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने बताया कि बुनियादी ढांचा बनाने के साथ-साथ 2 योजनाओं की शुरुआत करके वित्तीय सहायता और विभिन्नता की तरफ विशेष ध्यान दिया जा रहा है-इनमें पहली योजना ‘भाव अंतर भुगतान योजना’ है, जोकि जोखिम घटाने वाली एक नई योजना है। बाग़बानी फसलों की संवेदनशीलता और कम शैल्फ लाईफ़ को ध्यान में रखते हुए यह योजना किसानों के कल्याण के तौर पर काम करेगी और उनको बड़े स्तर पर बाग़बानी अपनाने का आश्वासन देगी।  

दूसरी योजना फूलों के बीज उत्पादन के द्वारा विभिन्नता के लिए है। फूलों की खेती भविक्खमुखी और लाभदायक उद्योग है, और इसकी तरक्की राज्य को गेहूँ-धान के चक्र से बाहर निकालने में मदद कर सकती है, जिससे ज़मीन के प्रयोग में सुधार हो सकता है और पहले ही कम हो रहे भूजल के भंडारों को संभाला जा सकता है। नई मंडियाँ बनाने की कोशिश में, आलू के पौधों के लिए टीशू-कल्चर में सर्टीफिकेशन, ट्रेसेबिलिटी, और ब्लॉक-चेन प्रौद्यौगिकी पेश करने वाला पंजाब भारत का पहला राज्य बन गया है। इससे केवल पंजाब के किसानों को ही नहीं, बल्कि पूरे देश को फ़ायदा है क्योंकि यह स्थानीय और दूर-दराज की घरेलू मंडियों में किसानों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले और रोग मुक्त आलू की आपूर्ति करने में मदद करता है।  

अंत में, अधिक मूल्य वाली फसलों की कृषि करके किसानों की आजीविका को बेहतर बनाने के लिए-गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर द्वारा टीशू-कल्चर प्रौद्यौगिकी के द्वारा सेब की एक नई किस्म तैयार की गई है। यह किस्म विशेष तौर पर पंजाब की मौसम की स्थितियों के अनुकूल कृषि करने के लिए तैयार की गई है और किसानों को पूरी तरह से नई वस्तु और मंडी तक पहुँच प्रदान करेगी, जिससे अधिक से अधिक लाभ लिया जा सके। जौड़ामाजरा ने आगे कहा कि इन पहलों से बाग़बानी किसानों को बेहतर वित्तीय सहायता, बेहतर बुनियादी ढांचे, राज्य के अंदर और बाहर नई मंडियाँ विकसित करने और बाग़बानी को अपनाने और बढ़ाने के लिए एक सहायता प्रणाली के द्वारा लाभ की आशा की जा सकती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here