होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। भाजपा नेताओं पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद, विजय पठानिया, सुरेश भाटिया बिट्टू, अश्वनी गैंद, कमलजीत सेतिया, यशपाल शर्मा,शरद सूद, शुभाष शर्मा द्वारा जारी प्रैस नोट में कहा गया है कि पंजाब की मान सरकार अपने आप को किसान हितैषी होने के दावे तो खूब करती है, परंतु वास्तविकता कुछ और ही है। पिछले साल गुलाबी सुंडी से नरमा किसानों को हुए नुकसान की भरपाई की घोषणा तो मुख्यमंत्री मान द्वारा जरूर की थी परंतु अभी तक मुआवजा नहीं मिला। इस बार गेहूं की फसल भी बेमौसमी बरसातों के कारण लगभग पूरी तरह तबाह हो गई है, इस पर भी मुख्यमंत्री अभी तक फोकी बयान बाजी ही कर रहे हैं।
सत्ता में आने से पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान कहा करते थे कि हम सत्ता में आने पर किसानों को 20000 रुपए प्रति एकड़ मुआवजा तुरंत अदा करेंगे गरदावरी बाद में होती रहेगी। सरकार आने पर अब यह स्टैंड बिल्कुल उल्टा हो गया है अब 20000 रुपए प्रति एकड़ की बजाय 15000 रुपए प्रति एकड़ मुआवजा की घोषणा की गई है,वह भी स्पेशल गरदावरी के बाद, जब कि बहुत से किसानों ने 50000 रुपए प्रति एकड़ चकोटा देकर जमीन पर काश्त की हैं । सबसे बड़ी दुखदाई बात यह है कि अभी तक अधिकारी फसल का नुकसान देखने मौके पर नहीं आए।
सिर्फ विधायकों यां आला अफसरों ने किसी एक खेत के पास खड़े होकर फोटो खिंचवा कर छपवा दी है, जिससे किसान बहुत निराश हैं। यह भी सुनने में आया है कि संबंधित अधिकारी अपने दफ्तरों में बैठकर मनमाने ढंग से गरदावरी कर रहे हैं। भाजपा नेताओं ने मांग की कि किसानों को कम से कम 50000 रुपये प्रति एकड़ फसलों के नुकसान का मुआवजा दिया जाए तथा मौके पर जाकर एक हफ्ते के अंदर-अंदर गरदावरी करवाई जाये व पैसे दिए जाए।