चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब विजीलैंस ब्यूरो द्वारा राज्य में भ्रष्टाचार के विरुद्ध चलाई मुहिम के दौरान आज गुरूवार को फतेहगढ़ साहिब में तैनात बाल विकास प्रोजैक्ट अफ़सर (सीडीपीओ) अंजू भंडारी और उसके चपड़ासी बलिहार सिंह को 20,000 रुपए की रिश्वत मांगने और हासिल करते हुये रंगे हाथों काबू कर लिया गया।
आज यहाँ इस का खुलासा करते हुये विजीलैंस ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने बताया कि उपरोक्त सीडीपीओ और उसके चपड़ासी को फतेहगढ़ साहिब जिले के गाँव रिउना नीवां की रहने वाली ममता की शिकायत पर गिरफ़्तार किया गया है। अन्य विवरण देते हुए उन्होंने बताया कि उक्त शिकायतकर्ता ने विजीलैंस ब्यूरो के पास पहुँच करके दोष लगाया कि उपरोक्त दोनों कर्मचारियों ने आंगनवाड़ी हैल्पर के खाली पद पर उसको नौकरी पर रखने के बदले 35,000 रुपए रिश्वत के तौर पर देने की माँग की है जिसके लिए उसने पहले ही आवेदन दिया हुया है।
प्रवक्ता ने बताया कि इस शिकायत की प्राथमिक जांच के बाद विजीलैंस ब्यूरो की एक टीम ने जाल बिछा कर दोनों दोषी मुलजिमों को दो सरकारी गवाहों की हाज़िरी में शिकायतकर्ता से रिश्वत के तौर पर 20,000 रुपए लेते हुये मौके पर ही गिरफ़्तार कर लिया। इस सम्बन्ध में विजीलैंस ब्यूरो के पुलिस थाना पटियाला रेंज में दोनों मुलजिमों के खि़लाफ़ भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। इस केस की आगे जांच जारी है।
विजीलैंस ने सीडीपीओ और चपड़ासी को 20 हज़ार की रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों किया काबू
Advertisements