70वें समागम में होशियारपुर जिले के श्रद्धालु सतगुरु का आर्शीवाद लेकर घरों को वापिस लौटे 

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। निरंकारी सतगुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज के नेतृत्व में 70वां तीन दिवसीय अन्तराष्ट्रीय संत समागम सम्पन्न हो गया। इस समागम में देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु भक्तों ने भाग लिया। दूर देशों से भी हजारों की संख्या में प्रतिनिधी इस समागम में पधारे। होशियारपुर की मुखी माता सुभदरा देवी,दसूहा के संयोजक डा. एस.पी. सिंह, गढ़दीवाला के इंचार्ज अवतार सिंह ने बताया कि इस समागम में होशियारपुर जिले की ब्रांचो जिसमें होशियारपुर, हरियाना, गढ़दीवाला, दसूहा, तलवाडा़, मुकेरियां, अज्जोवाल, टेरकीयाना, बुड्डाबढ़, मुकेरियां व अन्य ब्राचों के श्रद्धालु शामिल होकर खुशी खुशी सतगुरु का पूर्ण आर्शीवाद लेकर अपने घरों को लौट आए है।
 उन्होंने बताया कि निरंकारी सन्त समागम के अंतिम दिन तीसरे दिन देर रात समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए निरंकारी सद्गुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज ने श्रद्धालुओं को आर्शीवाद देते हुए कहा कि  दुनिया के विकास के लिए केवल भौतिक प्रगति का$फी नहीं है, उसके साथ-साथ आध्यात्मिक उन्नति भी परम आवश्यक है। आध्यात्मिक उन्नति के लिए हमें ब्रह्मज्ञान के माध्यम से आत्मा का नाता परमात्मा के साथ जोडऩा होगा, तभी यह सम्भव है।
सद्गुरु माताजी ने कहा कि दुनिया में अत्याधिक तरक्कियां हो रही हैं लेकिन उसके बावजूद हर इन्सान के मन में तनाव है, अशान्ति है क्योंकि वह अपनी तरक्की तो बर्दाश्त कर रहा है पर अगर किसी दूसरे की थोड़ी सी भी उन्नति होती है तो वह उससे बर्दाश्त नहीं होती, इसीलिए वह तनाव से ग्रस्त हो जाता है।
तकनीकी प्रगति से दुनिया बहुत छोटी हुई है पर इस प्रगति ने सबके दिल भी बहुत छोटे कर दिए हैं। हर कोई हर चीका अपने मुताबिक समेटना चाह रहा है। चाहे वो दुनिया में देशों की सरहदें हों, प्रान्तों की सरहदें हों या भाषायें होंं, जाति हो, नस्ल हो, काले-गोरे रंगों के कारण हों।
माता जी ने आगे कहा कि केवल श्रद्घा या विश्वास रखने से अच्छा इन्सान नहीं बनता है, व्यवहार से बनता है। श्रद्घा से हम आधी लड़ाई जीत लेते हैं मगर जब हम इसे अपने वचन और कर्म में ढालते हैं तो परिपूर्ण भक्त बनते हैं।
समापन सत्र के दौरान एक बहुभाषीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें हिंदी, पंजाबी, हरियाणवी, मुल्तानी, अंगे्रजी आदि भाषाआें में लगभग 20 से भी अधिक कवि महात्माआें ने काव्य पाठ किया जिसकी उपस्थित जनसमुदाय ने भरपूर प्रशंसा की। कवि सम्मेलन का विषय था – ‘निरंकार का लें आधार, जीवन हो गुरमत अनुसार’।
संत निरंकारी मण्डल के केन्द्रीय योजना एवं सलाहकार बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री खेमराज चड्ढा जी एवं मण्डल के महासचिव और समागम के संयोजक श्री वी$डी$ नागपाल जी ने समागम की तैयारियों के लिए सद्गुरु माता सविन्दर हरदेव जी महाराज का उनके आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया। श्री नागपाल जी ने कहा कि सद्गुरु माता जी प्रत्येक दिन प्रात: काल, दोपहर और कई बार देर रात में भी समागम ग्राउंडों में पधारते और भक्तों को अपना पावन आशीर्वाद प्रदान करते। सद्गुरु माता जी यही चाहते थे कि बाहर से आने वाले भक्तों के लिए हर सुख-सुविधा सुनिश्चित की जाये।
श्री नागपाल जी ने विभिन्न सरकारी विभागों, दिल्ली नगर निगम और अन्य प्रबंधकीय संस्थाआें के द्वारा प्रदान की गई सुविधाआें के लिए आभार व्यक्त किया।
समागम में आये हए भक्तों ने मिशन के साहित्य में गहरी रुचि दिखाई। उन्होंने पुस्तकों के अलावा वी$ सी$ डी, कैलेण्डर, डायरी इत्यादि का भी बड़े प्रेम से स्वागत किया।

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