निरंकारी मिशन ने करवाए सामूहिक विवाह, 39 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। होशियारपुर ब्रांच के मुखी माता सुभदरा देवी जी ने बताया कि सन्त निरंकारी मिशन के समाज कल्याण विभाग द्वारा आज दिल्ली में एक सामूहिक विवाह समारोह में 39 जोड़े परिणय-सूत्र में बंधे। नव-विवाहित जोड़ों को निरंकारी सद्गुरु माता सविन्दर हरदेव जी महाराज ने आशीर्वाद प्रदान किया। मिशन के हजारों श्रद्घालु भक्त तथा वर-वधू के माता-पिता तथा सगे-सम्बन्धी भी उपस्थित थे। दिल्ली में यह पहला सामूहिक विवाह समारोह था जिसकी सद्गुरु माता जी ने मिशन की बागडोर संभालने के पश्चात् अध्यक्षता की। इस साधारण रीति में पारम्परिक जयमाला के साथ निरंकारी शादी का विशेष चिन्ह सांझा-हार भी प्रत्येक जोडे़ को पहनाया गया। गीतकार लावें पढ़ रहे थे और सद्गुरु माता जी आशीर्वाद के रूप में जोड़ों पर पुष्प-वर्षा कर रहे थे।

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उनके साथ साध संगत तथा वर-वधू के सगे सम्बन्धियों ने भी पुष्प-वर्षा की। उन्होने आगे बताया कि आज के इन जोड़ो में 1 दूल्हा और 1 दुल्हन चण्डीगढ से और दो दूल्हे अमेरिका से और एक कनाडा से आया था जबकि 16 दिल्ली से, 6 हरियाणा से, 5 पंजाब से, दो-दो हिमचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से थे और 1-1 महाराष्ट्र तथा छत्तीसगढ़ से आए थे। इसी प्रकार 1 दुल्हन अमेरिका और एक कनाडा से, 12 दिल्ली से, 4 पंजाब से, 2-2 हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश से, आेर 1 महाराष्ट्र से आई थी। नव विवाहित जोड़ों का उल्लेख करे तो 1-1 अमेरिका, कनाडा, चण्डीगढ और महाराष्ट्र से थे जबकि 12 दिल्ली से, 4 पंजाब से और 2-2 हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से थे।

अन्य 11 जोड़ों का विवाह या तो अंतर्राष्ट्रीय था या फिर अंतर्राज्यीय। आज के समारोह का सबसे उल्लेखनीय पहलू यह था कि इसमें दो डॉक्टरों ने शादी की जो 70वें वार्षिक निरंकारी संत समागम में आई कायरोप्रैक्टिक डॉक्टर की टीम के सदस्य हैं और दोनों ने ही ब्रह्मज्ञान भी प्राप्त किया है। दुल्हन के पिता जी भी इस टीम के मुख्य सदस्यों में से एक हैं।
नव विवाहित जोड़ों को आशीर्वाद प्रदान करते हुए सद्गुरु माता जी ने कहा कि आज इनकी शादी में जो पुष्प वर्षा की गई है इसी तरह इनका जीवन भी सुन्दर हो और ये अपनी महक फैलाते चले जायें। सत्संग, सेवा और सुमिरण करते हुए संसार के सब सुखों के भागीदार बने और साथ ही साथ आध्यात्मिक ज्ञान का आनन्द भी लेते जाए।

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